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Friday, April 26, 2024

अब अकबर इलाहाबादी से हुए प्रयागराजी, UPHESC की वेबसाइट पर बदले गए शायरों के नाम

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उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद कई बड़े शहरों के बाद बदल दिए गए, जिसमें से इलाहाबाद सबसे प्रमुख है। योगी सरकार ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज कर दिया था।

उस वक्त सरकार के इस फैसले का खासा विरोध भी हुआ था। यूपी में चुनाव के बीच सरकार ने एक नए विवाद को और जन्म दे दिया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी का नाम बदलकर ‘अकबर प्रयागराजी’ कर दिया है। 

वेबसाइट के किस सेक्शन में हुआ बदलाव

आपको बता दें कि आयोग की वेबसाइट पर ‘About Allahbad’ का एक सेक्शन दिया है, जिसमें इलाहाबाद के बारे में लिखा है। ये पूरी जानकारी अंग्रेजी में है। इसी पैराग्राफ में प्रयागराज के अतीत और वर्तमान की जानकारी दी गई है। इसी पैराग्राफ में अकबरी इलाहाबादी का जिक्र था, लेकिन अब इस पैरा में अकबर इलाहाबादी की जगह अब अकबर प्रयागराज कर दिया गया है। इस पैरा में लिखा है, “अकबर प्रयागराज एक प्रसिद्ध उर्दू कवि रहे हैं और नूह नरवी, तेग प्रयागराज, शबनम नकवी और राशिद प्रयागराज की उत्पत्ति भी प्रयागराज में हुई है।”

अकबर इलाहाबादी के अलावा बदले गए इनके नाम

आपको बता दें कि वेबसाइट पर सिर्फ अकबर इलाहाबादी के नाम में ही बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि तेग इलाहाबादी और राशिद इलाहाबादी के नाम को भी बदलकर उनके नाम के बाद प्रयागराज लगा दिया गया है। आयोग की वेबसाइट पर हुए इस बदलाव से राज्य के अंदर एक नया विवाद पैदा हो गया है। हैरानी वाली बात ये है कि आयोग के अध्यक्ष प्रो. ईश्वर शरण विश्वकर्मा ने भी इस विवाद से खुद को अलग रखना बेहतर समझा है। उन्होंने कहा है कि अभी उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, अगर ऐसा कुछ हुआ है तो उसमें सुधार किया जाएगा।

कौन हैं अकबर इलाहाबादी?

अकबर इलाहाबादी उर्दू के जाने-माने कवि थे। उनका जन्म नवंबर 1846 को भारत के इलाहाबाद में हुआ था। वैसे उनका असली नाम अकबर हुसैन रिज़वी था, लेकिन उनकी कविताओं की वजह से उन्हें अकबर इलाहाबादी के नाम से जाना जाता है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा मदरसों से ही हुई थी। मदरसा में शिक्षा पूरी करने के बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए कॉलेज चले गए। कॉलेज में उन्होंने लॉ की पढ़ाई की। अकबर इलाहाबादी कानून के क्षेत्र से ही जुड़े रहे। बाद में वो इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक सेशन जज के रूप में रिटायर हुए।

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