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Thursday, September 28, 2023
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यहां कभी नहीं खिल सका कमल, इस बार पूरा जोर लगा रही BJP

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यूपी के शाहजहांपुर जिले की एक विधानसभा सीट है जलालाबाद विधानसभा सीट. जलालाबाद एक तहसील भी है. ऐसी मान्यता है कि इस तहसील का पुराणों से भी कनेक्शन है. इस क्षेत्र में जमदग्नि ऋषि का आश्रम और भगवान परशुराम जी का मंदिर भी है जहां उनका फरसा भी है.

यह भी जनश्रुति है और लोगों का धार्मिक विश्वास है कि ये क्षेत्र परशुराम की जन्मस्थली भी है.

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जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र में पटना देवकली का शिव मंदिर भी है जिसे दानवों के गुरु शुक्राचार्य की तपोभूमि माना जाता है. मान्यता ये भी है कि यहां रावण भी घंटा चढ़ाने आया था. ये सीट सियासी दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण सीट है. गंगा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास इसी इलाके से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इस सीट से कभी भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार को जीत नहीं मिल सकी है. बीजेपी इस सीट को जीतने के लिए कितना जोर लगा रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद एक जनसभा को संबोधित कर चुके हैं.

राजनीतिक पृष्ठभूमि

जलालाबाद विधानसभा सीट की राजनीतिक पृष्ठभूमि की बात करें तो इस सीट के लिए पहले चुनाव में कांग्रेस के रामगुलाम सिंह जीते थे. 1957 में निर्दलीय हरदयाल सिंह, 1962 और 1969 में कांग्रेस के केशव चंद्र सिंह, 1967 में भारतीय जनसंघ के दल सिंह, 1974 में भारतीय जनसंघ के दल सिंह और 1977 में निर्दलीय प्रत्याशी कन्हाई सिंह विधानसभा पहुंचे.

जलालाबाद विधानसभा सीट से 1980 और 1985 में कांग्रेस के उदयवीर सिंह, 1988 में जनता दल और 1991 में जनता पार्टी, 1993 में समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर राममूर्ति सिंह वर्मा विधायक निर्वाचित हुए. 1996 और 2002 में सपा के शरद वीर सिंह, 2007 और 2012 में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नीरज कुशवाहा विधायक बने.

2017 का जनादेश

जलालाबाद विधानसभा सीट से 2017 के चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कमल नहीं खिला. 2017 के चुनाव में सपा के प्रत्याशी शरद वीर सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी के मनोज कश्यप को 9297 वोट के अंतर से हरा दिया था. शरद वीर सिंह को 75326 वोट मिले थे और मनोज कश्यप को 66029 वोट मिले थे.

सामाजिक ताना-बाना

जलालाबाद विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो ये सीट किसान बाहुल्य है. इस विधानसभा क्षेत्र में यादव, ठाकुर और कुशवाहा बिरादरी के मतदाता अच्छी तादाद में हैं. एससी-एसटी मतदाता भी जलालाबाद विधानसभा सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस विधानसभा क्षेत्र में साढ़े तीन लाख से अधिक मतदाता हैं.

विधायक का रिपोर्ट कार्ड

जलालाबाद विधानसभा सीट से विधायक सपा के शरद वीर सिंह का दावा है कि उनके कार्यकाल में इलाके का चहुंमुखी विकास हुआ है. उनके दावे को विरोधी दलों के नेता हवा-हवाई बता रहे हैं. विरोधी नेताओं का दावा है कि इलाके की समस्याएं जस की तस हैं. विकास ठप हो गया है.

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