बालिका शिक्षा के लिए अभियान चलाने वाली पाकिस्तान मूल की नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई (24) ने हाल ही में ब्रिटेन में निकाह कर लिया। इसकी जानकारी खुद मलाला ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर दी। उनके पति का नाम अस्सर है और उनका संबंध क्रिकेट से है। निकाह बर्मिंघम में एक छोटे से समारोह में हुआ, जिसमें कुछ खास लोग और पारिवारिक सदस्य ही मौजूद रहे।
मलाला कई वर्षों से ब्रिटेन में रह रही हैं। जब वह 15 वर्ष की थीं, तब पाकिस्तान स्थिति उनके घर के पास तालिबान बंदूकधारी ने उनके सिर पर उस वक्त गोली मार दी थी, जब वह स्कूल जाने के लिए बस में सवार हो रही थी। तालिबान लड़कियों की शिक्षा का विरोध कर रहा था और मलाला इसको नहीं मानती थी। हमले के बाद वह गंभीर रूप से घायल हो गई थी। हालांकि वह बच गईं। इसके बाद से वह ब्रिटेन में रह रही हैं।
मलाला ने सोशल मीडिया पर केवल निकाह होने और अपने शौहर का नाम अस्सर होने की ही जानकारी दी हैं। हालांकि ब्रिटेन के डेली मेल ऑनलाइन वेबसाइट के मुताबिक अस्सर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) में ऑपरेशन मैनेजर हैं। उनको पिछले साल पीसीबी में नियुक्त किया गया था। यह पता नहीं चल सका है कि मलाला और अस्सर ने अपने रिश्ते की शुरुआत कब की, लेकिन उनके पति ने जुलाई में एक जन्मदिन संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा था, “हैपी बर्थडे टू मोस्ट अमेजिंग@ मलाला।” इंटरनेट यूजर्स ने भी उनकी पहचान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के हाई-परफॉर्मेंस सेंटर के महाप्रबंधक अस्सर मलिक के रूप में की है। फिलहाल न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इसकी पुष्टि नहीं हो
ट्विटर पर अपनी पोस्ट में चार तस्वीरों को लगाकर मलाला ने लिखा, “आज का दिन मेरे जीवन का एक अनमोल दिन है। अस्सर और मैंने जीवन भर के भागीदार बनने के लिए निकाह के बंधन में बंध गए।”
मलाला का दुनिया के कई हिस्सों में, विशेष रूप से पश्चिमी देशों में, उनके व्यक्तिगत साहस तथा लड़कियों और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करने के लिए आवाज उठाने की वजह से काफी सम्मान है। हालांकि उनके अपने देश पाकिस्तान में उनकी सक्रियता को लेकर समर्थन और विरोध दोनों है।
पिछली जुलाई में मलाला ने ब्रिटिश पत्रिका वोग को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि “उन्हें यकीन नहीं है कि वह कभी शादी करेंगी।”
“मुझे अब भी नहीं समझती कि लोगों को शादी क्यों करनी पड़ती है। यदि आप अपने जीवन में एक व्यक्ति चाहते हैं, तो आपको शादी के कागजात पर हस्ताक्षर करने की क्या ज़रूरत है, यह सिर्फ एक साझेदारी क्यों नहीं हो सकती?” मलाला के इस बयान पर पाकिस्तान में कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उनकी आलोचना की थी।
इस साल की शुरुआत में मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई (51) ने कहा था कि वह उन्हें अपना साथी चुनने की इजाजत देंगे। नौ महीने पहले मेलऑनलाइन के साथ एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि उनकी बेटी पूरी तरह से स्वतंत्र है और जिसे वह चाहती है उसे अपना जीवन साथी बना सकती है।