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Thursday, March 23, 2023
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नीतीश कुमार का मुस्लिम कर्मचारियों को ‘रमजान’ का तोहफा, अन्य धर्मों की अहमियत नहीं उठा सवाल, पढ़े रिपोर्ट

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Ramadan Gift: मुस्लिम समुदाय के त्योहार रमज़ान के मद्देनज़र बिहार सरकार ने मुस्लिम कर्मचारियों के लिए ऑफिस टाइमिंग में बदलाव किया है। रमज़ान के महीने में मुस्लिम कर्मचारी और अधिकारी आफिस टाइम के एक घंटे पहले दफ्तर आएंगे और निर्धारित समय से एक घंटे पहले दफ्तर से जा सकेंगे।

आपको बता दें कि इस साल 23 या 24 मार्च रमज़ान शुरू हो सकता है। रमज़ान से पहले सरकार ने कर्मचारियों को रमज़ान के महीने का तोहफ़ा दे दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद दूसरे समुदाय के लोगों में नाराज़गी है। उनका कहना है कि सरकार के लिए क्या सिर्फ़ मुस्लिम समुदाय का त्यौहार अहमियत रखता है।

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हिंदू समुदाय में भी कई त्योहार होते हैं, सरकार उस अवसर पर तो कोई रियायत नहीं देती है। मुस्लिम तुष्टिकरण बता कर विरोध लोगों ने विरोध शुरू कर दिया है। वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि इस तरह के फ़ैसले लेकर सरकार खुद ही हिंदू और मुस्लिम के बीच नफरत पैदा कर रही है। रोज़ा रखकर भी हम लोग ईमानदारी के साथ अपने काम को बखूबी करते हैं। सरकार ने एक घंटा पहले दफ्तर आकर, एक घंटा पहले जाने का फैसला सुनाया है। ड्यूटी के जितने घंटे निर्धारित हैं, उतने घंटे तो हम लोग काम करेंगे ही। इस तरह के फ़ैसले से सिर्फ दो समुदायों में मतभेद पैदा होता है।

इस साल पहले दिन का रोज़ा करीब साढ़े 13 घंटे का होगा, वहीं आखरी रोज़ा 14 घंटे 12 मिनट का होगा। सेहरी(सुबह आज़ान से पहले खाने का वक्त) से लेकर इफ्तार (शाम अज़ान के बाद खाने का वक्त) तक भूखे प्यासे रह कर काम करते हैं। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि सहने और परहेज़ का नाम ही रोज़ा है। इसलिए सरकार अगर ड्यूटी टाइमिंग में बदलाव नहीं भी करती तो हम लोग आसानी से काम कर सकते थे। उन्होंने कहा कि हम लोग कभी भी इस तरह की किसी भी प्रकार की रियायत की मांग नहीं करते हैं।

By Ahsan Ali

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