नई दिल्ली. भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra Olympic Gold) इस समय कामयाबी के शिखर पर हैं. उन्होंने इसी महीने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा था. उन्होंने फाइनल में 87.58 मीटर भाला फेंक गोल्ड अपने नाम किया. वह पूरे मुकाबले में नंबर एक पर ही बने रहे. इससे पहले क्वालिफिकेशन में भी वो पहले पायदान पर थे.
इस कामयाबी के बाद से ही वो रातों-रात स्टार बन गए. उन पर इनामों की बरसात हो गई. हालांकि, यह नतीजा बदल भी सकता था. क्योंकि फाइनल से ठीक पहले नीरज को अपना भाला नहीं मिल रहा था और वो इसे लेकर परेशान हो गए थे. कुछ देर बाद नीरज को अपना भाला पाकिस्तान के अऱशद नदीम (Arshad Nadeem) के हाथों में नजर आया. नीरज ने खुद इस बात का खुलासा किया है.
नीरज ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में इसकी पूरी कहानी सुनाई. उन्होंने बताया कि मैं फाइनल की शुरुआत से पहला अपना जेवलिन ढूंढ रहा था. क्योंकि मुझे वो मिल नहीं रहा था. तभी मैंने देखा कि पाकिस्तान के अरशद नदीम उस जेवलिन को अपने हाथों में पकड़कर घूम रहे हैं. मैं फौरन उनके पास गया और कहा कि भाई यह मेरा जेवलिन है, यह मुझे दे दो. मुझे बस अब थ्रो करने जाना है. तब नदीम ने मुझे जेवलिन वापस दिया. तभी सबने यह देखा होगा कि मैंने पहला थ्रो कितनी जल्दबाजी में किया था. क्योंकि थ्रो फेंकने का टाइम तय होता है.
नीरज चोपड़ा भी नदीम को पसंद करते हैं
उन्होंने आगे कहा कि अरशद ने भी क्वालिफाइंग राउंड में अच्छा प्रदर्शन किया था. उन्होंने फाइनल में भी कुछ थ्रो काफी अच्छे फेंके थे. मुझे लगता है कि यह पाकिस्तान के लिए अच्छा है. क्योंकि नदीम के प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान के युवाओं में जेवलिन थ्रो को लेकर रुचि बढ़ेगी और वो भविष्य में अंतरराष्ट्रीय इवेंट में बेहतर प्रदर्श करेंगे. उन्होंने पाकिस्तान के लोगों से नदीम का हौसला बढ़ाने और उनका सपोर्ट करने की अपील भी की.
नदीम टोक्यो ओलंपिक में 5वें स्थान पर रहे थे
बता दें कि पाकिस्तान के नदीम भारत के नीरज चोपड़ा को अपना आदर्श मानते हैं. टोक्यो ओलंपिक में भी नदीम को भी पदक का मजबूत दावेदार माना जा रहा था और ऐसा नजर भी आया. वो 84.62 के थ्रो के साथ 5वें स्थान पर रहे. नदीम पदक तो नहीं जीत पाए. लेकिन अपने खेल से सबको प्रभावित किया. नीरज और अरशद के बीच मैदान पर हमेशा ही एक अच्छा मुकाबला देखने को मिलता है. 2018 एशियन गेम्स में नीरज ने जहां गोल्ड जीता था, वहीं अरशद ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था.