बॉलीवुड के बेहतरीन अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी (Nawazuddin Siddiqui) के हर अंदाज को फैन्स पसंद करते हैं। नवाजुद्दीन ने धीरे धीरे अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों के दिल में अपनी लिए एक खास और अलग पहचान बनाई है। नवाजुद्दीन जल्दी ही टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) और तारा सुतारिया (Tara Sutaria) के साथ फिल्म हीरोपंती 2 (Heropanti 2) में नजर आएंगे। फिल्म की रिलीज से पहले नवाजुद्दीन ने हिन्दुस्तान से खुलकर बातचीत की और फिल्म के अलावा भी अन्य मुद्दों पर बेबाकी से अपनी बात रखी।
‘हीरोपंती 2’ से आपके किरदार लैला के बारे में कुछ बताएं?
फिल्म में मेरे किरदार का नाम लैला है, और जब मैंने ये नाम सुना था तो मैं समझ गया था कि ये थोड़ा सा लहराने वाला किरदार होगा। ये बहुत इंटरेस्टिंग विलेन है, जिसके कई शेड्स हैं। वो जादूगर भी है और काफी रूथलेस है।
किसी भी किरदार को चुनते हुए क्या कुछ प्वाइंट्स होते हैं आपके कि ये होंगे तो ही किरदार को आपकी हां होगी?
ऐसा कुछ खास नहीं होता है कि ये होगा तो ही ऐसा कुछ होगा वरना नहीं। कुछ बात होती हैं और कुछ नहीं और कोई बार जो नहीं होती हैं, वो बातचीत के दौरान शूट के दौरान शामिल हो जाती हैं।
आपने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा था कि आप बॉलीवुड का नाम, रोमन स्क्रिप्ट और शूट के दौरान इस्तेमाल होने वाली आम बोलचाल की भाषा में बदलाव करना चाहेंगे। क्या आपने कभी कुछ ऐसी कोशिश की और इस पर लोगों का क्या रिएक्शन रहा?
बहुत ही अजीब सा रिएक्शन आया है, कई लोग तो गाली दे रहे हैं। मैंने यही तो कहा था कि हिंदी फिल्म बनाते हैं तो हिंदी में बात हो, हो सकता है कभी दोबारा ऐसा कुछ कहने की मेरी हिम्मत न हो। मैंने एक्टर्स को देखा है, कई एक्टर्स कंफ्यूज हो जाते हैं कि आप उसके किरदार के बारे में बात कर रहे हैं, लेकिन अंग्रेजी में कर रहे हैं। हालांकि मैं ये नहीं कह रहा हूं कि अंग्रेजी नहीं बोलनी चाहिए, हमारी टीम (शूटिंग टीम) में कई लोग दूसरी भाषा के होते हैं, तो उनके साथ चलता है, लेकिन जो हिंदी पट्टी के लोग हैं, उन्हें तो हिंदी में बात करो। जब एक्टर आधा सुनकर परफॉर्म करे तो अच्छा न कर पाए।
आप अपने कौनसे किरदार को बतौर एक्टर, अपना बेस्ट परफॉर्मेंस मानते हैं?
मुझे लगता है कि एक्टर्स के साथ ये बात जुड़ी होती है कि अभी बेस्ट आना बाकी है और ये मेरे साथ भी है। ये सिलसिला हमेशा चलता है और मुझे लगता है कि मेरा भी बेस्ट आना बाकी है।
ऑनस्क्रीन गाली देने में आप कितना सहज होते हैं? आप कोशिश करते हैं इससे बचने की?
देखिए अगर गाली सिर्फ सेंशन के लिए है तो मैं बेशक उसे न करने की कोशिश करता हूं, लेकिन अगर वो किरदार का हिस्सा है तो दिक्कत नहीं। जैसे सेक्रेड गेम्स में मैंने गाली दी क्योंकि वो किरदार का प्रेजेंटेशन है, उससे उस किरदार का पता लगता है। लेकिन आम बोलचाल में मैं भी इस बात का बेहद ख्याल रखता हूं कि गाली गलौज न हो। मुझे भी पसंद नहीं ये सब, सभी को पता है कि गाली देना अच्छी बात नहीं। हालांकि गणेश गायतोंडे या फिर फैजल खान हो तो फिर उस किरदार के लिए जरूरी हैं।
साउथ सिनेमा का क्रेज हिंदी बेल्ट के दर्शकों पर चढ़ता दिख रहा है। बीते कुछ वक्त में पुष्पा, आरआरआर और केजीएफ 2 को दर्शकों ने खूब पसंद किया। आपने देखीं कोई और आप साउथ इंडस्ट्री और बॉलीवुड में क्या अंतर महसूस करते हैं?
मैंने इन में से कोई भी फिल्म नहीं देखी तो मैं इनके बारे में बोल ही नहीं सकता हूं कि ये कैसी फिल्म थीं। मैं एक्टर हूं और एक्टिंग ही देखता हूं, चाहें वो हॉलीवुड हो, यूरोपियन हो या फिर साउथ हो, उनकी लैंग्वेज में बनी ही फिल्म मैं देखता हूं, डब नहीं। मुझे बहुत ज्यादा इंग्लिश समझ नहीं आती है, लेकिन फिल्म देखते हुए उनके इमोशन्स से मैं कनेक्ट हो जाता हूं। अगर कोई बात कर रहा है और वो डब है तो मैं तो नहीं देख पाऊंगा, क्योंकि मैं एक्टिंग देखता हूं। ये मेरा नजरिया है सिर्फ, किसी और का कुछ और हो सकता है। मैंने रजनी सर के साथ पेटा की है, तो मुझे तमिल में बोलना पड़ा था। मुझे तमिल नहीं आती थी और प्रॉम्टिंग में बोलता था। जब शूट खत्म करके मैं चेन्नई से मुंबई आया तो मुझे गिल्ट हुआ कि मैं ऐसी फिल्म कर आया, जिसकी नजाकत मैं समझ नहीं पाया। मैं अपने जज्बात उस लैंग्वेज से कनेक्ट नहीं कर पाया, तो मैंने तय कर लिया अब पैसे के लिए मैं वो फिल्म नहीं करूंगा जिसके साथ मैं न्याय न कर सकूं।
आपके घर के नवाब के बारे में कुछ बताएं..?
दरअसल नवाब मेरे पिता का नाम था, जो अब इस दुनिया में नहीं है। मेरा कभी कोई ऐसा इंटरेस्ट नहीं रहा कि घर बनवाकर रहूं उस में। लेकिन अब बन गया तो ठीक है।
सोशल मीडिया पर कई बार बॉलीवुड को बॉयकॉट किया जाता है, ऐसे ट्रोल्स को आप क्या कहेंगे?
देखिए होता क्या है कि जब भी कोई फिल्म हिट होती है तो बस उसके मुताबिक लोगों की जुंबा बदल जाती है। जैसे ही कल को कोई हिंदी फिल्म बड़ी हिट हो जाएगी तो लोग उसके बारे में बात करेंगे, अभी साउथ सिनेमा हिट है तो उसके बारे में बात कर रहे हैं। ये तो ट्रेंड होता है, मैं ये जरूर कहता हूं कि जो अच्छा है उसकी बात करें, लेकिन दूसरे को क्रिटिसाइज करना ठीक नहीं। बाकी मैंने ये फिल्में देखी नहीं तो मैं कुछ खास कह नहीं पाऊंगा।
आपके अपकमिंग प्रोजेक्ट्स?
हीरोपंती 2 के बाद मेरे अधिकतर फिल्में लव स्टोरीज हैं, जिस में ‘जोगिरा सा रा रा रा’, ‘टीकू वेड्स शेरू’, ‘नूरानी चेहरा’, ‘अद्भुत’ और ‘नो लैंड्स मैन’ शामिल हैं। ‘नो लैंड्स मैन’ काफी प्यारी फिल्म है, लेकिन फेस्टिवल फिल्म है और उस वजह से उसे बेचन में थोड़ी दिक्कत हो रही है।
क्या आपको लगता है कि ओरिजनल सिनेमा दबता जा रहा है?
बेशक, मुझे लगता है कि ओरिजनल सिनेमा दबता जा रहा है, और उसकी कोई वेल्यू नहीं रह गई है। इस वजह से रीमेक बन रहे हैं और जिनके रीमेक बन रहे हैं, वही आ गए हैं फील्ड में। अगर आप रीमेक नहीं देख पा रहे तो ओरिजनल तो देखिए और शायद इस वजह से बॉयकॉट चल रहा है। हालांकि मैं इसे बहुत समझ नहीं पा रहा हूं।