मंदिर-मस्जिद को लेकर मचे बवाल पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने पिछने दिनों कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग देखना सही नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि राम मंदिर के बाद अब किसी भी धार्मिक स्थल को लेकर ऐसा आंदोलन नहीं खड़ा किया जाएगा। अगर कोई विवाद है भी तो आपस में मिल बैठकर सहमति से कोई रास्ता निकालें। इस पर जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।
जगद्गुरु परमहंस आचार्य महाराज ने मोहन भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ‘मुगल आक्रान्ताओं द्वारा जितने भी मंदिरों को तोड़ा गया है, हम वो सब वापस लेंगे।’ मोहन भागवत पर उन्होंने कहा कि ‘संघ प्रमुख मोहन भागवत की नीति और नियम में कोई शंका नहीं है लेकिन उम्र ज्यादा होने के कारण उनकी जुबान फिसल जाती है।’
लोगों की प्रतिक्रियाएं: उपेन्द्र सिंह बघेल ने लिखा कि ‘एक दिन भाजपा अपनी फैलाई गंदगी खुद ही समेट नहीं पाएगी।’ मनोज यादव ने लिखा कि ‘ये बाबा तो समाधि लेने वाले थे?’ नेहा भारती ने लिखा कि ‘बाबा आप वही हैं ना जो समाधि लेने का दावा किए और अंत समय में पलट गए थे?’ ओवैस अहमद ने लिखा कि ‘इन्हें तो मोहन भागवत पर भी भरोसा नहीं है।’ कन्हैया कुमार ने लिखा कि ‘राजनीति के लिए इस्तेमाल करने वाले लोग एक दिन मोदी और भागवत जैसे लोगों के हाथ से निकल जायेंगे, फिर क्या होगा ये अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।’
मोहम्मद वसीम ने लिखा कि ‘भागवत जी ने इन लोगों को इतना सर पर चढ़ा लिया है कि अब ये उनकी भी नहीं सुनते। यही होता है और होना भी चाहिए। कांटे बोओगे तो फूल कहां से मिलेगा।’ एक यूजर ने लिखा कि ‘बाबा! सबसे पहले तुम अपना जल समाधि वाला वचन पूरा करो, तभी तुम पर भरोसा हो पाएगा।’ राजा सेठी ने लिखा कि ‘यदि, आपको ऎसा लग रहा है तो एक कार्य और करवा दीजिए कि संघ के पदाधिकारी बने रहने के लिए एक उम्र सीमा लागू करवा दीजिए ताकि जनता के बीच भ्रम की स्तिथि न रहे।’
बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास वो है जिसे हम बदल नहीं सकते। इसे न आज के हिंदुओं ने बनाया और न आज के मुसलमानों ने, हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों तलाशना है? यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के बाद अब किसी भी धार्मिक स्थल को लेकर ऐसा आंदोलन नहीं खड़ा किया जाएगा।