भारत के प्रसिद्ध इस्लामिक स्कालर मौलाना कलीम सिद्दीकी ग्लोबल पीस सेंटर और जमियत वालिल्लाह ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। दुनियाभर के मुसलमानों में मौलाना का बड़ा नाम है
यूपी एटीएस ने मौलाना को गिरफ़्तार किया धर्मांतरण का आरोप लगाते हुए गिरफ़्तार किया है जिसके बाद से लगातार देश भर के मुसलमानों की तरफ़ से इसके ख़िलाफ़ आवाज़ें उठाई जा रही हैं और इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्ला खान ने इसे सियासी बताते हुए कहा कि चुनाव के लिए भाजपा कितना गिरेगी, मुसलमानों पर अत्याचार लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन इन मुद्दों पर सेक्युलर पार्टियों की खामोशी भाजपा को मज़बूती दे रही है
उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले अब मशहूर इस्लामिक स्कॉलर मौलाना कलीम सिद्दीकी साहब को गिरफ्तार किया गया है, मुसलमानों पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। इन मुद्दों पर सेक्यूलर पार्टियों की खामोशी भाजपा को और मज़बूती दे रही है।#UP चुनाव जीतने के लिए #BJP आखिर और कितना गिरेगी? pic.twitter.com/MtHt6PnygZ
— Amanatullah Khan AAP (@KhanAmanatullah) September 22, 2021
वही कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मशूहर शायर इमरान प्रतापगढ़ी ने भी इसे चुनावी स्टंट बताया हैं उन्होंने ट्वीट कर कहा कि यूपी में सरकारी एजेंसियों के जरिये चुनावी माहौल बनाने के लिये मुस्लिम धर्मगुरुओं को निशाना बनाना शर्मनाक है चौतरफ़ा घिरी हुई सरकार इस बहाने मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।
यूपी में सरकारी एजेंसियों के जरिये चुनावी माहौल बनाने के लिये मुस्लिम धर्मगुरुओं को निशाना बनाना शर्मनाक है,धर्मांतरण का बेबुनियाद आरोप लगाना और जेल भेज देना चुनावी स्टंट से ज्यादा कुछ नहीं है, चौतरफ़ा घिरी हुई सरकार इस बहाने मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है।#KaleemSiddiqui pic.twitter.com/7b644FVxKY
— Imran Pratapgarhi (@ShayarImran) September 23, 2021
अब इस मामले में जमियत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलना अरशद मदनी ने भी ट्वीट कर अपनी बात रखी है उन्होंने कहा मौलाना कलीम सिद्दीकी की गिरफ्तारी सभी न्यायप्रिय नागरिकों के लिए चिंता का विषय है। जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप निराधार है। मुसलमानों के मामले में मीडिया जज बनना और उन्हें अपराधी के रूप में पेश करना पत्रकारिता के पेशे के साथ बेईमानी है।
The arrest of #Maulana_Kaleem_Siddiqui is a matter of concern for all just citizens. The allegation of forcible conversion is baseless.
— Arshad Madani (@ArshadMadani007) September 23, 2021
Becoming a media judge in the case of Muslims and presenting them as criminals is dishonest with the profession of media journalism