मथुरा, 19 मई: मथुरा सिविल कोर्ट ने “कृष्ण जन्मभूमि” या भगवान कृष्ण की जन्मभूमि पर बनने वाली शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग वाली एक याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है।
जिला जज राजीव भारती ने पाया कि हिंदू पक्ष की दलीलों में इतना दम है कि याचिका सुनवाई के लिए स्वीकार ली जाए। अब सुनवाई की अगली तारीख तय की जाएगी। बता दें, याचिका में भगवान कृष्ण विराजमान की ओर से श्री कृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ जमीन वापस दिलाने की गुहार लगाई गई है। दावा किया गया है कि इसके बड़े हिस्से पर करीब 400 साल पहले औरंगजेब के फरमान से मंदिर ढहाने के बाद केशवदेव टीले और भूमि पर अवैध कब्जा कर शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई।
बता दें कि सिविल कोर्ट ने पहले इस याचिका को खारिज कर दिया था. फिर हिंदू पक्ष ने याचिका को नए तरीके से मथुरा कोर्ट में दायर किया. अब मथुरा कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए कहा है कि सिविल कोर्ट इसपर सुनवाई करे.
मथुरा हाईकोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह से जुड़ी याचिका को सुनने योग्य माना है. यह फैसला डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज राजीव भारती ने सुनाया है.
इस मामले में अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री (जोकि खुद के कृष्ण भक्त होने का दावा करती हैं) समेत 6 वादी हैं. ये अपील साल 2020 में दायर की गई थी, जिसमें शाही ईदगाह की जमीन पर मालिकाना हक मिलने का दावा किया गया था.
मथुरा में इस विवाद की चर्चा पिछले साल तब शुरू हुई थी, जब अखिल भारत हिंदू महासभा ने ईदगाह मस्जिद के अंदर भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापित करने और उसका जलाभिषेक करने का ऐलान किया था. हालांकि, हिंदू महासभा ऐसा कर नहीं सकी थी. इसके बाद उत्तर प्रदेश चुनाव में ‘मथुरा की बारी है…’ जैसे नारे भी खूब चले.