भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की प्रयागराज में सोमवार को संदिग्ध हालात में मौत हो गई. पुलिस फिलहाल इसे आत्महत्या बता रही है और मौके से एक 6 पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है. इस लेटर के मुताबिक नरेंद्र गिरि अपने करीबी शिष्य रहे आनंद गिरी और हनुमान मंदिर के पुजारी और उनके बेटे के व्यवहार से काफी आहात थे. आनंद गिरि ने बीते कुछ महीनों में आखाड़े और नरेंद्र गिरि पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे और सीएम योगी को इस बाबत एक पत्र भी लिखा था.

पुलिस ने नरेंद्र गिरि की सुसाइड के मामले में आनंद गिरि के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है. खुद को घुमंतू योगी बताने वाले आनंद गिरि पहले भी विवादों में रह चुके हैं. वे अपने महंगे शौकों और विदेशी यात्राओं के लिए भी काफी मशहूर हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक आनंद गिरि को लग्जरी गाड़ियों और मोटरसाइकिलों का शौक है. वे सोशल मीडिया पर अक्सर इन गाड़ियों में अपनी तस्वीरें पोस्ट करते रहते हैं. वे अक्सर बुलेट के जरिए ही प्रयागराज में घूमते नज़र आते हैं. आनंग गिरि को महंगी गाड़ियों में घूमना, महंगे मोबाइल रखना, कीमती कपड़े पहनने का काफी शौक है और इसके लिए उनकी कई संत आलोचना भी कर चुके हैं.

बीते दिनों हवाई जहाज के बिजनेस क्लास में सफ़र करने और शराब पीने को लेकर भी एक विवाद में उसका नाम सामने आया था. आनंद, नरेंद्र गिरि के शिष्य हैं और किसी जमाने में उनके खास हुआ करते थे, लेकिन पैसे और प्रॉपर्टी को लेकर दोनों में विवाद हुआ था, जिसके बाद से दूरियां बढ़ती चली गईं.

आनंद गिरि को लोग छोटे महाराज भी कहते हैं. उनका रहन-सहन संतों से एकदम अलग है और वो महंगी गाड़ियों में घूमने के शौकीन हैं. आनंद गिरी के हाथ में आपको एपल जैसे महंगे फोन भी देखने को मिल जाएंगे. कुछ लोगों को कहना है कि महंगे फोन भी आनंद गिरि कुछ ही महीनों में बदल दिया करते हैं.
आमतौर पर आनंद गिरि भगवा कपड़ों में ही नजर आते हैं लेकिन ये भी शहर के सबसे महंगे टेलरों से सिलवाए जाते हैं और महंगे से महंगा कपड़ा इसके लिए खरीदा जाता है. प्रयागराज में आनंद गिरि का काफी रसूख माना जाता है. आनंद गिरि अक्सर स्थानीय नेताओं और व्यापारियों के साथ फोटोज में नजर आते हैं.

कई बार वो बड़ी हस्तियों की डिमांड पर विशेष पूजा पाठ भी मंदिर में करवाया करते थे. एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि प्रयागराज के कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी उनके भक्त थे, जिस वजह से महंत के काम एक फोन पर हो जाया करते थे. कुछ अधिकारी तो मंदिर में आकर उनका पैर छूकर आशीर्वाद लेते नजर आए.

आनंद गिरि की सुरक्षा में दो पुलिस के जवान भी तैनात रहते थे. जब भी माघ मेला जैसा बड़ा अवसर आता, तो जवानों की संख्या 4 से 6 हो जाती थी. इसी के चलते नरेंद्र गिरि उनसे नाराज हो गए थे और दूरी बना ली थी.

आनंद गिरि पर कई गंभीर आरोप लगे थे. जिसके बाद उन्हें निरंजनी अखाड़े से निष्कासित कर दिया गया था. यह मामला साल 2016 और 2018 से जुड़ा है. वे आस्ट्रेलिया गए हुए थे. तभी उन पर होटल के कमरे में दो महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और महिलाओं से मारपीट के आरोप लगे थे. उनके खिलाफ महिलाओं ने शिकायत भी दर्ज कराई थी. इसके बाद आनंद गिरि को वहां गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया था. बाद में उन्हें महंत नरेंद्र गिरि के दखल और वकीलों की मदद से रिहा कराया गया था.