उम्र के तकाजे के कारण कदम धीरे धीरे उठ रहे थे। कांपते हाथों में कुरान थामे एक वृद्धा एसएसपी ऑफिस की तरफ बढ़ रही थी। कुछ असहज थी, शायद डरी हुई भी। पर बेटे को इंसाफ दिलाने लिए कानून के रखवालों के दरवाजे तक सच्चाई बताने पहुंच गई।
और इसी सच का साक्षी बनाया उसने पवित्र कुरआन को। पुलिस अधिकारियों से मिली तो रुंधे गले से एक ही बात दोहराती रही। कुरआन की कसम साहब! मैं सच बोल रही हूं।
सरधना से एक वृद्ध महिला अपने हाथों में कुरआन लिए एसएसपी आफिस पहुंची। उसने एसएसपी आफिस में एक शिकायती पत्र दिया। आरोप लगाया कि सरधना थाने में गांव के दबंग लोगों ने उनके बेटे के सीने में गोली मार दी थी। चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया। अब आरोपी मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे थे। इसी दौरान दबंगों ने 8 अक्टूबर को उनके परिवार पर झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया। सरधना पुलिस से कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं करता।
आरोपी अब उसे धमका रहे हैं और मुकदमा वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। उसने कहा कि वह सच बोल रही है। दबंग उसे परेशान कर रहे हैं। एसएसपी आफिस में शिकायत सुन रहे सीओ कोतवाली अमित राय ने वृद्धा को आश्वासन दिया। वृद्ध महिला ने एसएसपी आफिस के बाहर मीडिया को बताया कि वह सच बोल रही है। वह अपनी सच्चाई बताने के लिए अपने साथ कुरआन लेकर आई है।