38.1 C
Delhi
Wednesday, June 7, 2023
No menu items!

”खालिस्तानियों को मच्छरों की तरह कुचलने” वाले बयान पर कंगना के खिलाफ मामला दर्ज, सिख समुदाय की भावनाएं आहत करने का आरोप

- Advertisement -
- Advertisement -

एक्ट्रेस कंगना रनौत पिछले कुछ दिनों से अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद वह अपनी टिप्पणी को लेकर और भी चर्चा में आ गई हैं। दरअसल, पीएम मोदी के तीनों कृषि कानून वापस लेने से फैसले कंगना काफी भड़की हुईं हैं। वो लगातार अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से देश में किसानों और विपक्ष पर वार-प्रतिवार कर रही हैं। अब हाल ही में एक्ट्रेस के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। उनपर आरोप है कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए सिख समुदाय की भावनाएं आहत की हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने एक्ट्रेस के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए मामला दर्ज करवाया है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (जिसके सिरसा अध्यक्ष हैं) ने कहा कि हाल ही में एक पोस्ट में, कंगना ने पहले जानबूझकर किसान के आंदोलन को खालिस्तानी आंदोलन बताया है और उसके बाद उन्होंने सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक और अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया। कंगना के खिलाफ ये शिकायत मंदिर मार्ग थाने में साइबर प्रकोष्ठ में दर्ज हुई है।

- Advertisement -

काले कानून की वापसी के फैसले के बाद कंगना ने 19 नवंबर को अपनी इंस्टा स्टोरी पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, ‘खालिस्तानी आतंदवादियों ने भले ही आज सरकार की बाजुएं मोड़ दी हैं…पर एक औरत को न भूलें…वो महिला प्रधानमंत्री जिसने इन्हें अपनी जूती के नीचे कुचला था…देश की खातिर उन्होंने क्या कुछ सहा ये मायने नहीं रखता…अपनी जिंदगी की परवाह किए बिना उसने उन्हें मच्छरों की तरह कुचला लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए…उसके निधन के बाद आज भी उसके नाम से कांपते हैं ये…इनको वैसा ही गुरु चाहिए।’

इसके अलावा उन्होंने इंदिरा गांधी की एक हाथ जोड़े की तस्वीर शेयर कर लिखा-‘खालिस्तान आंदोलन के उदय के साथ उसकी कहानी पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक…जल्द #Emergancy।’

इससे पहले कंगना ने कृषि कानूनों को वापिस लेने के फैसले को दुखद और शर्मनाक बताते हुए कहा था-‘दुखद, शर्मनाक, बिल्कुल अनुचित। अगर संसद में चुनी हुई सरकार की बजाए सड़कों पर लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया तो यह एक जिहादी राष्ट्र है। उन सभी को बधाई जो इसे इस तरह चाहते थे।’

गौरतलब है, गुरुपर्व (19 नवंबर) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेने का ऐलान किया था। शुक्रवार की सुबह पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा-केंद्र सरकार ने देश के किसानों के एक वर्ग के विरोध के बाद, 2020 में संसद में पारित तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है।

- Advertisement -
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here