यूपी के कासगंज में तीन भाइयों के मकानों-दुकानों में 10 दिन के अंदर 300 बार आग लग चुकी।इससे हर कोई हैरान है। आग का रहस्य गहरा गया है और अब इसे सुलझाने के लिए तांत्रिक तक बुलाने पड़े हैं। सोरों ब्लॉक के रायपुर गांव में इस घटना के चलते लगातार फायर ब्रिगेड तैनात है।
तीन भाइयों रूप सिंह, कन्हाई पाल और विजेंद्र के यहां लगातार लग रही आग की इन घटनाओं की कोई ठोस वजह अभी तक सामने नहीं आई है। बताया जा रहा है कि अचानक से उनके बेड, पर्दों, कपड़ों, कैलेंडरों और अन्य सामानों से आग की लपटें उठने लगती हैं। आग की कोई पुख्ता वजह सामने न होने के चलते गांववाले अब ये मानने लगे हैं कि इसके पीछे कोई असाधारण वजह है। दो दिन पहले इस रहस्यमयी आग में सात मिनट के अंदर 11 बीघा खेत में लगी गेहूं की फसल जलकर राख हो गई।
गांव में दहशत
आग की इन रहस्यमयी घटनाओं के चलते गांववालों में दहशत का माहौल है। गांववालों के मुताबिक तीनों भाइयों के यहां आग लगने का ये सिलसिला दो अप्रैल से चल रहा है। सबसे पहले कन्हाई पाल के घर में आग लगी थी। कन्हाई पाल का कहना है कि शाम को वह घर की छत पर बैठे हुए थे। तभी अचानक कमरे से धुआं उठता दिखा। वहां जाकर देखा तो कपड़ों से आग की लपटें उठ रही थीं। घरवालों और गांववालों ने मिलकर आनन-फानन में आग बुझाई। कन्हाई पाल के यहां तो माहौल सामान्य हो गया लेकिन कुछ देर बाद ही उनके भाई विजेंद्र के घर में आग लग गई। बेड से धुआं निकलने लगा। तीनों भाइयों के अन्य घरों में भी एक-एक कर आग लगनी शुरू हो गई। दूसरे दिन भी यह सिलसिला रहा। मकान के पूजा घर में भी आग लग गई। बक्से में बंद कपड़ों में भी आग लग गई। आग का खौफ इस तरह बढ़ गया कि तीसरे दिन लोगों ने सामान घर से निकालकर बाहर रख दिया। इस दौरान घर के बाहरी हिस्से में बनी आटा चक्की में भी आग लग गई। गांववालों का कहना है कि पिसाई के लिए चक्की पर लाई गई गेहूं और आटे की बोरियों में आग लग गई। आटा चक्की के बाद पशुओं के बाड़े में पड़े गन्ने में भी आग लग गई।
गांववाले कर रहे निगरानी
बार-बार आग लगने की इन रहस्यमयी घटनाओं के चलते गांववाले अब निगरानी कर रहे हैं। उधर, प्रशासन ने भी मामले को गंभीरता से लेते हुए गांव में फायर ब्रिगेड की गाड़ी तैनात कर दी है। जिला प्रशासन की ओर से लेखपाल को मामले की जांच के लिए लगाया गया है। गांववालों के बीच यह भी आश्चर्य का विषय है कि आखिर सिर्फ इन तीन भाइयों के यहां आग क्यों लग रही है। बीते गुरुवार को दोपहर ढाई बजे के बाद विजेन्द्र के 11 बीघे खेत में अचानक आग लग गई। सात मिनट के अंदर गेहूं की फसल जलकर राख हो गई। जबकि आसपास के खेतों में आग नहीं लगी। बस कुछ खेतों की बालियां झुलस गईं। तीनों भाइयों के परिवार ने एक दूसरे खेत में फसल काटने के लिए कंपाइन मशीन ठीक की तो वह भी खड़े-खड़े खराब हो गई। मशीन नहीं आ सकी। इसके बाद परिवार ने इसे दैवीय आपदा मान तांत्रिकों की शरण ली है। बताया जा रहा है कि आगरा के शमशाबाद से एक बाबा को भाइयों ने बुलाया था। बाबा ने तंत्र-मंत्र और झाड़ फूंकर करने के बाद दावा किया कि अब उनके घरों में आग नहीं लगेगी। बताया जा रहा है कि इस दावे के कुछ समय बाद एक अन्य जगह से आग लगने की सूचना मिली।
डीएम-एसपी ने लिया जायजा
तीन भाइयों के यहां बार-बार लग रही आग की सूचना मिलने पर कासगंज की डीएम हर्षिता माथुर और एसपी रोहन बोत्रे ने गांव में जाकर पूरी घटना की जानकारी ली। उन्होंने परिवार को आर्थिक मदद का भरोसा भी दिलाया। उधर, आग की घटनाओं की जांच के लिए गांव से फोरेंसिक की टीम ने कुछ नमूने भी इक्ट्ठा किए हैं।