यूपी के कानपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बीच भड़की हिंसा के मामले में वहां की जिलाधिकारी नेहा शर्मा अपने तबादले से पहले बड़ी बात कह कर गईं। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों के अवैध ठिकानों पर बुलडोजर चलेगा।
शर्मा ने मीडिया से कहा था, “कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) अपनी कार्रवाई को अंजाम दे रहा है। लगातार केडीए ने चमनगंज और बेकनगंज में पहले भी एक्शन लिया है। पर इस घटनाक्रम (हिंसा) के बाद केडीए बहुत ही सघन रूप से इंटेंसिव प्रोग्राम बनाकर कार्रवाई करेगा। जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ कानूनी तौर पर जो प्रक्रियाएं अपनानी होंगी उन्हें अमल में लाया जाएगा।” बताया गया कि जहां से पत्थर चले थे, वहां पर करीब 150 इमारतों की एक लिस्ट तैयार की गई है।
उनके इस बयान के बाद शहर में सियासी तौर पर भूचाल सा आ गया। नगर के काजी मौलाना अब्दुल कुद्दूस हादी ने कहा कि अगर ऐसा हुआ तो लोग कफन बांधकर निकलने लगेंगे। यह तो एक तरह से सब्र की इंतेहा है। काजी के मुताबिक, “अगर इस तरह के कदम उठाए गए तो फिर सिर पर कफन बांधकर लोग मैदान में निकल आएंगे। हम ज्यादा दिन तक इंतजार नहीं कर पाएंगे। ज्यादती और सब्र की इंतेहा हो रही है। अगर यही होना है तो फिर ठीक है…।”
भाजपा नेता समेत 13 और अरेस्टः पुलिस ने मंगलवार को भाजपा नेता समेत 13 और लोगों को गिरफ्तार किया। अब तक गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या 51 हो गई है। करीब 10 और संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। पुलिस उपायुक्त (पूर्वी) प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस की ओर से लगाए गए पोस्टर के बाद 16 वर्षीय किशोर ने कर्नलगंज थाने में आकर आत्मसमर्पण किया। पोस्टर में लगाई गई फोटो में उसकी भी तस्वीर है। कोतवाली पुलिस ने तीन जून की हिंसा को लेकर फर्जी और भड़काऊ सामग्री फैलाने के आरोप में दो फेसबुक और तीन ट्विटर अकाउंट के संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
इस बीच, अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के पूर्व जिला इकाई सचिव हर्षित श्रीवास्तव को सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आगे की सच्चाई का पता लगाने और अन्य के बारे में जानकारी निकालने के लिए गहन पूछताछ की जा रही है। शुक्रवार की नमाज़ के बाद कानपुर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी। टीवी पर बहस के दौरान भाजपा की तत्कालीन राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा की ओर से पैगंबर मोहम्मद पर की गईं “अपमानजनक” टिप्पणियों के विरोध में दुकानों को बंद कराने के प्रयास के बाद दो समुदायों के सदस्यों ने एक-दूसरे पर पथराव किया था और बम फेंके थे।