नई दिल्ली. मध्य प्रदेश (MP) के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस (Congress) की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बीच गुरुवार को मुलाकात हुई थी. उस दौरान खबरें आई थीं कि नाथ को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है. हालांकि, अब खुद वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इन खबरों का खंडन किया है. उन्होंने कहा है कि ये बातें बकवास हैं और वे पार्टी से जुड़े मुद्दों पर सोनिया गांधी से मुलाकात करते रहते हैं. उन्होंने जानकारी दी कि इस दौरान पंजाब कांग्रेस (Punjab Congress) में जारी तनाव पर चर्चा की गई थी.
एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘मेरे कांग्रेस अध्यक्ष बनने की बात बकवास है. मैं सोनिया गांधी से मिलता रहता हूं और पार्टी से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करता रहा हूं.’ इसके अलावा यह भी कहा जा रहा था कि इस मुलाकात के जरिए कांग्रेस उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन का फॉर्मूला तलाश रही है. इस बैठक में प्रियंका गांधी वाड्रा के भी शामिल होने की खबर थी.
पंजाब के सियासी संकट पर पड़ेगा असर
कमलनाथ को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता है. नाथ और गांधी की बैठक के दौरान खबर आई थी कि पार्टी नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की तैयारी कर रही है.
कांग्रेस में लंबे समय से नेतृत्व में बदलाव को लेकर चर्चा चल रही है. आखिरी बार संगठन में चुनाव साल 1997 में हुए थे. रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस अध्यक्ष और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्यों के लिए संगठन स्तर पर जल्द ही चुनाव की घोषणा की जा सकती है. कुछ महीनों पहले ही G-23 कहे जा रहे समूह के सदस्यों ने पार्टी के नेतृत्व में बदलाव को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखा था.
कमलनाथ पर भरोसा टिका!
74 साल के नाथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार हैं. साथ ही खास बात यह है कि उनके G-23 के नेताओं के साथ भी काफी अच्छे संबंध हैं. ऐसे में कहा जा रहा है कि सोनिया नाराज नेताओं तक पहुंचने के लिए कमलनाथ पर भरोसा कर रही हैं. सोनिया ने साल 2019 में अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की कमान संभाली थी. वहीं, राहुल गांधी ने कहा था कि गैर-गांधी को भी मौका दिया जाना चाहिए.
रिपोर्ट में कांग्रेस के सूत्रों के हवाले से लिखा गया है कि फिलहाल कोई कार्यकारी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष बनाए जाने का प्लान नहीं है. एमपी में कांग्रेस सरकार की अगुवाई करने वाले नाथ को ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ जारी तनातनी के चलते सत्ता गंवानी पड़ी थी. सिंधिया के पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद राज्य में पार्टी की सरकार गिर गई थी. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान ने सीएम की गद्दी संभाली.