9.1 C
London
Saturday, April 20, 2024

जहांगीरपुरी ‘हिंसा’ मामले कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार, कहाँ अवैध रैली में पुलिस वाले क्यों शामिल हुए ?

- Advertisement -spot_imgspot_img
- Advertisement -spot_imgspot_img

नई दिल्ली. दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए एक जुलूस के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में स्थानीय अदालत ने रविवार को 8 आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है. साथ ही इस मामले में पुलिस द्वारा कोताही बरते जाने पर उन्हें फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि आठों आरोपी इलाके के नामी अपराधी हैं और अगर इन्हें छोड़ दिया जाता है तो ये लोग गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.


जज ने इस मामले में पुलिस को लताड़ लगाते हुए कहा है कि पुलिस अवैध रैली को रोकने में नाकाम रही. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस प्रमुख से कहा है कि वे इस मामले की जांच करें और दोषी पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही तय करें.

दोषी पुलिस अधिकारियों पर जवाबदेही तय करने का आदेश
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक पिछले महीने रामनवमी के दिन दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध जुलूस निकाला गया था जिसपर पत्थ्यरबाजियां की गई थीं. इस घटना में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें 8 पुलिसवाले एक आम नागरिक घायल हो गए थे. इस मामले में 20 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है. इस घटना कई तरह की राजनीति भी शुरू हो गई थी.

सभी बड़े दलों ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी. हालांकि जांच में पाया गया कि राम नवमी के दिन जो जुलूस निकाली गई थी, उसके लिए पुलिस से इजाजत नहीं ली गई थी और जब दो गुटों के बीच कहासुनी हो रही थी, तब पुलिस भी वहां मौजूद थी, इसके बावजूद पुलिस शांति व्यवस्था बनाए रखने में नाकामयाब रही. यही कारण है कि कोर्ट ने दोषी पुलिस अधिकारियों पर जवाबदेही तय करने के लिए कहा है.

पुलिस अवैध जुलूस में खुद शामिल हुए थे
कोर्ट ने कहा कि अवैध जुलूस को रोकने और भीड़ को भगाने क बजाय पुलिस उनके साथ थी. जज ने कहा कि एफआईआर में भी इस बात को कहा गया है कि इंस्पेक्टर राजीव रंजन के नेतृत्व में अन्य पुलिस अधिकारी भी अवैध जुलूस में शामिल हुए थे.

जज ने कहा कि प्रथम दृष्टया यही लगता है कि स्थानीय पुलिस अवैध जुलूस को रोकने में पूरी तरह नाकाम रही. हालांकि दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी दीपेंद्र पाठक ने कहा कि पुलिस का काम शांति व्यवस्था को कायम रखने का है, इसलिए पुलिस वहां मौजूद थी.

इससे पहले पुलिस ने बताया था कि अगर कहीं का स्थिति संवेदनशील हो जाती है और वहां भीड़ है पुलिस को यह सुनिश्चित करना होता है कि वहां स्थिति और खराब न हो. इसलिए हमने वहां पर्याप्त पुलिसकर्मी भेजे और हम वहां स्थिति को नियंत्रित करने में सफल रहे. रामनवमी के दिन देश के कम से कम चार राज्यों में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़पें हुईं. दिल्ली के साथ ही, गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड और पश्चिम बंगाल में उपद्रव की शिकायतें आईं. दिल्ली में दंगे के बाद जहांगीरपुरी इलाके में अवैध निर्माण के लिए बुलडोजर चलाया गया जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश से रोका गया.

- Advertisement -spot_imgspot_img
Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network

Latest news

- Advertisement -spot_img

Related news

- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here