उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 10 जून को नूपुर शर्मा की विवादित टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ था. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. पुलिस ने इस हिंसा का मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद को बनाया.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयागराज पुलिस जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा और बेटी सुमैया फातिमा को हिरासत में ले गई थी. जिसके बाद इस मामले में जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा और बेटी सुमैया फातिमा को पुलिस हिरासत में ले गई थी. खबर है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस हिरासत को अवैध बताते हुए चैलेंज किया है. आयोग की अध्यक्ष ने इस संबंध में प्रदेश के डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जावेद मोहम्मद की पत्नी परवीन फातिमा की वकील स्मृति कार्तिकेयन ने एक शिकायत में कहा कि आधी रात को गैर कानूनी ढंग से जावेद की पत्नी परवीन फातिमा और छोटी बेटी सुमैया को थाने में रखा गया और टॉर्चर किया गया. सूर्यास्त बाद कस्टडी नहीं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, परवीन फातिमा की वकील ने अपनी शिकायत में कहा कि सूर्यास्त के बाद पुलिस किसी महिला को न तो गिरफ्तार कर सकती है और न ही थाने ला सकती है. महिला के सम्मान और निजता की रक्षा के लिए दंड प्रक्रिया संहिता के धारा 46 (4) के अंतर्गत यह प्रावधान किया गया है.
ये भी कहा कि जावेद की पत्नी और छोटो बेटी के ख़िलाफ़ अब तक किसी थाने में कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं है. न ही उनका कोई आपराधिक रिकार्ड है. फिर भी पुलिस ने उनको अवैध रूप से थाने में रखा. उनके साथ गाली-गलौज भी की. इधर सुमैया ने भी अलग-अलग मीडिया प्लेटफॉर्म्स को दिए इंटरव्यू में पुलिस के ऊपर टॉर्चर के आरोप लगाए हैं.