अभिनेत्री कंगना रनौत ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उनके खिलाफ संगीतकार जावेद अख्तर की आपराधिक मानहानि की शिकायत पर सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा शुरू की गई कार्यवाही रद्द करने का अनुरोध किया है। अधिवक्ता रिजवान सिद्दीकी के जरिए दाखिल अपील में रनौत ने दावा किया कि अंधेरी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत ने केवल पुलिस की रिपोर्ट पर भरोसा करके उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की और स्वतंत्र रूप से गवाहों से पूछताछ नहीं की। अख्तर ने टेलीविजन साक्षात्कारों में उनके खिलाफ कथित रूप से मानहानिकारक और निराधार टिप्पणी करने के लिए नवंबर 2020 में मजिस्ट्रेट के समक्ष रनौत के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज करायी थी।
अदालत ने दिसंबर में उपनगरीय जुहू पुलिस को जांच करने का निर्देश दिया। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अपराध हुआ था और आगे जांच की जरूरत है। इस पर अदालत ने रनौत के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की और फरवरी 2021 में उन्हें समन जारी किया। अभिनेत्री ने याचिका में कहा है, “मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने जांच करने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल नहीं किया बल्कि इसके बजाय हस्ताक्षर किए गवाहों के बयान एकत्र करने के लिए पुलिस तंत्र का इस्तेमाल किया… ऐसा तो कभी सुना ही नहीं गया।”
याचिका में कहा गया कि आशंका है कि पुलिस ने गवाहों को प्रभावित किया और मजिस्ट्रेट को शपथ पत्र के साथ गवाहों के बयान दर्ज करने चाहिए थे ताकि “यह साबित किया जा सके कि वास्तविक मामला बनाया गया।” उच्च न्यायालय में अगले सप्ताह रनौत की याचिका पर सुनवाई हो सकती है।
इसके पहले जावेद अख्तर ने आरोप लगाया था कि कंगना रनौत ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय टेलीविजन पर अपमानजनक बयान दिए थे, “जो आम जनता की नजर में शिकायतकर्ता (अख्तर) की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए एक अभियान प्रतीत होता है” अख्तर ने जनवरी में अपना बयान दर्ज कराया था।
उन्होंने कहा था कि वह यह जानकर स्तब्ध थे कि 19 जुलाई को एक टीवी चैनल को दिए एक साक्षात्कार में रनौत ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की “परिस्थितियों के बारे में बिना किसी प्रत्यक्ष व्यक्तिगत जानकारी के” गलत तरीके से बयान दिया।