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Friday, March 29, 2024

2022 में होने जा रहा है सब कुछ महंगा!: जूते-चप्पल, एटीएम से लेकर टोल टैक्स तक

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नए साल के पहले ही दिन कांग्रेस पार्टी ने ‘महंगाई’ के एजेंडे को देश के सामने रख दिया है। पार्टी का कहना है कि 2022 में सब कुछ महंगा होने जा रहा है। जूते-चप्पल या एटीएम से पैसे निकालने से लेकर टोल टैक्स तक, ‘कांग्रेस’ ने अपने विश्लेषण में बताया है कि इस साल कैसे महंगाई अपना विकराल रूप दिखाने जा रही है।

जीएसटी बढ़ाए जाने से कपड़ा उद्योग की 15 लाख से ज्यादा नौकरियां समाप्त हो जाएंगी। देश में वस्त्रों का 80 फीसदी उत्पादन असंगठित क्षेत्र द्वारा किया जाता है। वस्त्रों पर जीएसटी बढ़ाकर 12 फीसदी किए जाने से पॉवरलूम एवं हथकरघा बुनकरों के व्यवसाय व रोजगार के अवसर छिन जाएंगे।

क्या वाकई हर चीज महंगी होने वाली है

कांग्रेस पार्टी के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने शनिवार को जारी अपने बयान में कहा, महंगाई की मार, मोदी सरकार ने लोगों को नए साल का यही तोहफा दिया है। बीते सात वर्षों से जनता को मोदी सरकार ‘महंगाई की मार का उपहार’ दे रही है। नवंबर 2021 में होलसेल प्राइस इंडैक्स 14.23 फीसदी रहा है। यह पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा था। नए साल में इसका प्रभाव बहुत जल्दी महसूस होने लगेगा। स्टील, सीमेंट व बिजली, सब पर ज्यादा पैसा खर्च करने की तैयारी कर लेनी चाहिए। रोजमर्रा के कपड़ों से लेकर जूते-चप्पल या एटीएम से पैसे निकालने तक या फिर टोल टैक्स, हर चीज महंगी होने वाली है।

जीएसटी का खेल, लोगों को करेगा परेशान …

फिनिश गुड्स जैसे कपड़े, वस्त्र आदि सभी सामान एक जनवरी, 2022 से और ज्यादा महंगे हो जाएंगे, क्योंकि केंद्र की भाजपा सरकार इन सामानों पर जीएसटी पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर रही है। 1000 रुपये तक की कीमत वाले वस्त्रों पर जीएसटी दर को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। बुने हुए वस्त्रों, रुमाल, तौलियों आदि तथा आम लोगों द्वारा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले होजरी आइटम्स जैसे मोजे, टॉवल, सूती साड़ी, इनर वियर, शर्ट-पैंट तथा सिंथेटिक यार्न, कंबल, टैंट, एवं एक्सेसरीज जैसे टेबल पर बिछाने वाले कपड़ों आदि पर भी जीएसटी बढ़ाकर 12 फीसदी कर दी गई है। सुरजेवाला ने कहा, कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस शासित प्रदेशों के विरोध के चलते तथा पांच राज्यों के चुनाव सामने देख अब इस बढ़ोत्तरी को आनन-फानन में 28 फरवरी तक मुल्तवी कर दिया गया है। यह निर्णय वापस नहीं लिया गया है। चुनाव खत्म होते ही जनता पर यह टैक्स फिर लगा दिया जाएगा। 

इस वजह से खत्म होंगी 15 लाख नौकरियां 

कांग्रेस पार्टी के महासचिव के अनुसार, जीएसटी बढ़ाए जाने से कपड़ा उद्योग की 15 लाख से ज्यादा नौकरियां समाप्त हो जाएंगी। देश में वस्त्रों का 80 फीसदी उत्पादन असंगठित क्षेत्र द्वारा किया जाता है। वस्त्रों पर जीएसटी बढ़ाकर 12 फीसदी किए जाने से पॉवरलूम एवं हथकरघा बुनकरों के व्यवसाय व रोजगार के अवसर छिन जाएंगे। कच्चे माल जैसे सूत, पैकिंग सामग्री एवं माल ढुलाई के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। इस वजह से जल्द ही बाजार में कपड़ों के मूल्यों में 15 से 20 फीसदी की वृद्धि हो जाएगी। गारमेंट इंडस्ट्री के मुताबिक, 85 फीसदी कपड़ों की बिक्री एक हजार रुपये से कम कीमत की होती है। चैप्टर 50 से 63 जीएसटी कानून में आने वाले टैक्सटाईल की डाईंग या प्रिंटिंग जॉब सेवाओं पर 12 फीसदी जीएसटी (रजिस्टर्ड संस्थाएं) या 18 फीसदी जीएसटी (गैर रजिस्टर्ड संस्थाएं) लगेगा। 

जूते-चप्पलों से लेकर रेस्टोरेंट भी नहीं बचेंगे …

जूते-चप्पलों (प्रति जोड़ा एक हजार रुपये तक की कीमत वाले) पर जीएसटी दर को पांच फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। यह गरीब तथा आम जनमानस पर प्रहार है। फूड डिलीवरी सेवाओं तथा रेस्टोरेंट सर्विस के तहत आए ‘क्लाउड किचन’ पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। उपभोक्ता वस्तुओं की कीमत 6 प्रतिशत से 10 प्रतिशत बढ़ेगी। इसमें डाबर प्रोडक्ट, पारले, ब्रिटानिया, मैरिको या अन्य कंपनियां हों, वे बिस्कुट से लेकर साबुन तक की कीमतें बढ़ा रहे हैं। एटीएम से अपना ही पैसा निकालने के लिए लोगों को टैक्स देना होगा। आरबीआई ने निशुल्क ट्रांजैक्शन की निर्धारित सीमा पूरी होने के बाद एटीएम से कैश निकालने पर शुल्क बढ़ाने की अनुमति दे दी है। समय सीमा पूरी होने के बाद, बैंक अपने ग्राहकों से 21 रुपये प्रति ट्रांजेक्शन शुल्क की वसूली करेंगे।

ऑनलाइन टैक्सी/ऑटो रिक्शा की बुकिंग भी महंगी 

रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ऑनलाइन टैक्सी/ऑटो रिक्शा की बुकिंग भी अब महंगी होगी। ओला और उबर जैसे एप एग्रीगेटर्स द्वारा ऑटो रिक्शा की राइड्स बुक करने पर ज्यादा पैसे चुकाने के लिए तैयार रहें। एक जनवरी से सरकार मौजूदा छूट को समाप्त कर ऑनलाइन ऑटो राइड बुक करने पर 5 प्रतिशत का जीएसटी शुल्क वसूलना शुरू कर देगी। कार या ऑटोमोबाइल खरीदना महंगा हो जाएगा। नए साल में मारुति सुजुकी, रेनो होंडा, टोयोटा और स्कोडा सहित लगभग सभी कार एवं ऑटो कंपनियों की कारें खरीदना और ज्यादा महंगा हो जाएगा। लागत बढ़ने के कारण ऑटो कंपनियां कीमतों में बढ़ोत्तरी करेंगी। टाटा मोटर्स ने एक जनवरी, 2022 से अपने कॉमर्शियल वाहनों के मूल्य में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा कर दी है।

सीमेंट और स्टील की कीमतें भी बढ़ रही हैं

सीमेंट की कीमतें बढ़कर 400 रुपये प्रति बैग हो जाएगी। 2021 में भी सीमेंट की कीमतें 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। एक साल पहले तक 330/340 रुपये में बिकने वाला सीमेंट का 50 किलो का बैग अब 400 रुपये पार करने की तैयारी में है। स्टील की कीमत भी आसमान पर पहुंच गई है। साल 2020 से दिसंबर 2021 के बीच स्टील की कीमतों में स्टील कंपनियों ने 215 प्रतिशत की वृद्धि की है। अकेले नवंबर, 2021 में स्टील कंपनियों ने स्टील की कीमत 3000 रुपये से 3500 रुपये प्रति टन बढ़ाई हैं। इसका कारण, स्टील उद्योग में कंप्टीशन खत्म हो गया है। अब ये मुट्ठीभर कंपनियों के हाथ में है। इन्हें मोदी सरकार की मूक सहमति है, इसलिए कीमतें बढ़ रही हैं और लोग पिस रहे हैं। 2022 में फिर कीमतें बढ़ाने की तैयारी है। नर्सरी के बच्चों की ड्राइंग टूल किट पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। 

भाजपा सरकार ने महंगाई से सभी को लूटा

2014 में सत्ता में आने के बाद, बीते सात सालों में मोदी सरकार ने महंगाई से सभी को लूटा है। रणदीप ने कहा, 71 रुपये प्रति लीटर का पेट्रोल और 56 रुपये प्रति लीटर का डीजल 100 रुपये के पार चला गया। 400 रुपये का खाना बनाने की गैस का सिलेंडर 1000 रुपये के पार हो गया। खाने का तेल 90 से बढ़ाकर 200 रुपये से 250 रुपये तक कर दिया गया। दाल के दाम 60 से बढ़कर 150 रुपये प्रति किलो को पार कर गए। अब नए साल में भी मोदी सरकार लोगों पर महंगाई का वार करेगी।

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