यरुशलम की अल-अक़्सा मस्जिद में इसराइली पुलिस की घुसकर कार्रवाई करने को लेकर इसराइल ने सफ़ाई दी है. जबकि सऊदी अरब ने कार्रवाई की निंदा की है.
इसराइल के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “इसराइल यथास्थिति कायम रखने के लिए और हालात को शांत रखने के लिए काम कर रहा है. अल-अक़्सा में इबादत करने वाले मुसलमानों का कहना था कि इस्लामी चरमपंथी मस्जिद के अंदर रुक गए, उन्हें बंद कर दिया और वो अन्य मुसलमानों को नमाज़ पढ़ने मस्जिद में जाने से रोक रहे थे.”
“उन्होंने हथियार, बड़े पत्थरों और आतिशबाजी की मदद से बैरिकेडिंग कर ली थी.”
इसराइल के मुताबिक़, बातचीत की कोशिश नाकाम होने का बाद सुरक्षा अधिकारियों ने ये कदम उठाए.
मुस्लिम देश इसराइल की कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं.

सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “विदेश मंत्रालय स्पष्ट करता है कि सऊदी अरब के अल-अक्सा मस्जिद के परिसर में इसराइल के हमले, वहां इबादत करने वालों के साथ दुर्व्यवहार और कई फ़लस्तीनी नागरिकों को गिरफ्तार करने की चिंताजनक घटना पर नज़र बनाए हुए हैं.”
उन्होंने कहा, “सऊदी अरब इस हमले की निंदा करता है और इन कदमों पर आपत्ति दर्ज करता है जो शांति प्रयासों को कमजोर करते हैं और धार्मिक पवित्रता के संबंध में अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं.”
फलस्तीनियों का कहना है कि इसराइली पुलिस के बल प्रयोग में 14 लोग घायल हो गए.
इसराइली पुलिस ने फ़लस्तीनियों के समूह के तितर-बितर करने के लिए स्टन ग्रेनेड (तेज़ आवाज़ पैदा करने वाले बम) और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया.
इसके बाद गज़ा पट्टी से इसराइल की ओर कम से कम नौ रॉकेट्स दागे गए जिनमें पांच रॉकेट्स को रास्ते में ही नष्ट कर दिया गया.