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Friday, April 19, 2024

क्या केन्द्र सरकार पूरे देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का विचार कर रही है ? इस पर सवाल किरेन रिजिजू ने दिया ये जवाब

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नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने कहा कि देश भर में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने का उनका फिलहाल कोई विचार नहीं है, लेकिन राज्य सरकारें ऐसा कानून लाने के लिए आजाद हैं.

केंद्र सरकार की तरफ से कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शुक्रवार को संसद में एक सवाल का जवाब देते हुए ये साफ किया की केंद्र सरकार फिलहाल देश भर में यूनिफॉर्म सिविल कोड लाने पर कोई विचार नहीं कर रही है.

उन्होंने बताया कि इसकी एक वजह यह है कु सुप्रीम कोर्ट में इस बाबत कई मामले लंबित हैं और ऐसे में केंद्र सरकार ने यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए कोई फैसला नही लिया है. इसके अलावा कानून मंत्री ने जानकारी दी कि संविधान के मुताबिक राज्य सरकारों को अपनी तरफ से यूनिफॉर्म सिविल कोड अपने राज्य में लागू करने का पूरा अधिकार है.

विधि आयोग ने फैमिली लॉ में सुधार को लेकर अपनी वेबसाइट पर लोगों से उनकी राय मांगी है. इस कानून में यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़े ज्यादातर मुद्दे शामिल हैं. केंद्र सरकार का यह बयान ऐसे समय में आया है, जबकि उत्तराखंड सरकार राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने पर तेजी से काम कर रही है. बीते 14 जुलाई को ही उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति की दूसरी बैठक नई दिल्ली में संपन्न हुई.

सरकारी सूत्रों ने बताया कि उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में ​गठित समिति की बैठक में अन्य सदस्यों ने भी हिस्सा लिया और समान नागरिक संहिता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की. बैठक में विशेषज्ञों ने उम्मीद जतायी की समान नागरिक संहिता का मसौदा जल्द तैयार कर राज्य सरकार को सौंप दिया जाएगा.

इस वर्ष विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 12 फरवरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा था ​कि सरकार बनते ही प्रदेश में समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी. प्रदेश में दो तिहाई से अधिक बहुमत के साथ भाजपा के सत्ता में वापसी करने के बाद दोबारा मुख्यमंत्री बने धामी ने राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही समान नागरिक संहिता के लिए मसौदा तैयार करने हेतु एक विशेषज्ञ समिति गठित करने के निर्णय को मंजूरी दी थी.

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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