33.1 C
Delhi
Friday, September 29, 2023
No menu items!

करौली ‘दंगे’ में उस्मान कि दुकान जलाई लेकिन रवि की छोड़ दी, जानिए इस तस्वीर की सच्चाई क्या है ?

- Advertisement -
- Advertisement -

राजस्थान का करौली जिला बीते दिनों साम्प्रदायिक दंगे की वजह से चर्चा में रहा. इस हिंसा में यहां कई लोगों के घर, दुकान जला दिए गए. इससे जुड़ी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इसमें दो दुकानें दिख रही हैं. दोनों के बीच बस एक पतली सी दीवार का फर्क है. लेकिन एक दुकान जली हुई है और एक सही सलामत है. एक दुकान में एक व्यक्ति गले में टेप डालकर बैठा हुआ है, वहीं जली दुकान में बैठा व्यक्ति परेशान दिख रहा है.

‘उस्मान की दुकान जला दी, रवि की छोड़ दी’

सोशल मीडिया पर वायरल ये तस्वीर करौली दंगे को एक खास ऐंगल से देखने की बात कहती है. इसके पीछे की पूरी कहानी आपको बताएंगे, लेकिन पहले देखिए कि सोशल मीडिया में इसको लेकर क्या कुछ लिखा जा रहा है.

- Advertisement -

भूपेंदर चौधरी ने ये फोटो शेयर करते हुए लिखा,

दुकान लूट ली गई, जला दी गई, नाम है उस्मान! बराबर में दुकान चमचमा रही है, नाम है रवि. राजस्थान का करौली जिला! आज का भारत, नफरत के साये में.

हंसराज मीना ने लिखा,

नफरतों ने “उस्मान” की दुकान को तो जला दिया लेकिन मुसलमान खुश है दीवार से लगी “रवि” की दुकान को सही सलामत देखकर. तस्वीर मेरे करौली जिले की है.’

आमिर हुसैन ने लिखा,

‘आग भी कितनी सयानी है, ये जान के बड़ी हैरानी है. रवि और उस्मान की दुकान साथ में है, दंगाइयों ने पहचान कर उस्मान की दुकान जला दी और रवि की दुकान पर खरोंच भी न आई, उस्मान की दुकान जल कर बुझ गई, कल को बन भी जाएगी पर ये जो दिल जला है न उस्मान का ये न बुझेगा न बनेगा.’

क्या है तस्वीर के पीछे की कहानी?

सोशल मीडिया पर ऐसे कई रिएक्शन्स हैं जिनमें साफ तौर पर इस ओर इशारा करते हुए आरोप लगाया है कि करौली का दंगा सुनियोजित था. इसके तहत एक समुदाय के हिंसक तत्वों ने उस्मान की दुकान को तो आग लगा दी, लेकिन रवि की छोड़ दी. हमने तस्वीर के पीछे की कहानी जानने के लिए बात की आसिफ मुजतबा से. ये तस्वीर इन्होंने ही खींची है. आसिफ मुजतबा Miles2Smile फाउंडेशन के संस्थापक हैं. करौली दंगे के बाद ये अपने साथियों के साथ इलाके में गए थे. आसिफ ने हमें बताया,

‘ये तस्वीर मैंने उस दौरान ली जब हम करौली दंगे की फैक्ट फाइन्डिंग के लिए वहां गए हुए थे. सोशल मीडिया में ये तस्वीर रवि और उस्मान के नाम से शेयर की जा रही है जोकि सच है. बस उनके नाम बदले हुए हैं. उनका धर्म वही है. उस्मान और रवि दोनों टेलर हैं. एक सा काम करते हैं. वहां के स्थानीय लोगों ने हमें बताया कि जिन्होंने उस्मान की दुकान जलाई वो बाहरी नहीं थे, बल्कि पड़ोसी दुकानदार ही थे जो वहां 40-50 साल से रह रहे थे. वहां और भी कई दुकानें जलाई गई हैं. लेकिन सिर्फ मुसलमानों की दुकान की पहचान करके ये काम किया गया है.’

आसिफ ने हमें आगे बताया,

वहां बाज़ार के बहुत अंदर “इरफ़ान” की दुकान थी, उसे दंगाइयों ने जाकर जला डाला. लेकिन रास्ते में और भी लोगों की दुकानें थीं. उन्हें नहीं जलाया गया. इसकी क्या वजह हो सकती है? सिर्फ इरफ़ान की दुकान की पहचान करके ही उसे क्यों जलाया गया?

आसिफ मुजतबा ने भी यह तस्वीर अपने ट्विटर अकाउंट से 11 अप्रैल को शेयर की थी

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस मामले में अब तक दोनों पक्षों की ओर से कुल 20 एफआईआर दर्ज हुई हैं. इनमें एक करौली थाना अधिकारी की ओर से और 19 दोनों पक्षों की ओर से दर्ज की जा चुकी हैं.

- Advertisement -
Jamil Khan
Jamil Khanhttps://reportlook.com/
journalist | chief of editor and founder at reportlook media network
Latest news
- Advertisement -
Related news
- Advertisement -spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here