नई दिंल्ली: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में सट्टेबाजी की चर्चा फिर तेज हो गई है। सीबीआई ने पाकिस्तान से प्राप्त इनपुट के आधार पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों के परिणामों को प्रभावित करने वाले क्रिकेट सट्टेबाजी में शामिल व्यक्तियों के आरोपों पर दो प्राथमिकी दर्ज की हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने यह जानकारी साझा की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदेशी योगदान (विनियमन) अधिनियम रिश्वत मामले में गृह मंत्रालय के एक अवर सचिव स्तर के अधिकारी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
सीबीआई ने यह कार्रवाई विश्वसनीय जानकारी के आधार पर की है। सीबीआई को पता चला है कि क्रिकेट सट्टेबाजी में शामिल व्यक्तियों का एक नेटवर्क पाकिस्तान से प्राप्त इनपुट के आधार पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों के परिणाम को प्रभावित कर रहा है। इसे लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक अभियान शुरू किया है। दिल्ली, जोधपुर, जयपुर और हैदराबाद में स्थित कुछ व्यक्तियों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ जांच बैठाई गई है।
यह भी पता चला है कि आरोपियों ने आईपीएल सट्टेबाजी में अपना पैसा लगाने और लोगों को प्रभावित करने के लिए पैन इंडिया नेटवर्क चलाया। इसी सिलसिले में केंद्रीय एजेंसी ने शुक्रवार को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामले में दो मामले दर्ज किए। यह भी पता चला है कि आरोपियों ने आईपीएल सट्टेबाजी में अपना पैसा लगाने और लोगों को प्रभावित करने के लिए पैन इंडिया नेटवर्क चलाया। इसी सिलसिले में केंद्रीय एजेंसी ने शुक्रवार को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मामले में दो मामले दर्ज किए।
सीबीआई ने एफआईआर में कहा है कि आईपीएल मैचों से संबंधित सट्टेबाजी की आड़ में, वे आम जनता को दांव लगाने के लिए प्रेरित कर धोखा दे रहे हैं। इसके लिए उन्होंने फर्जी पहचान का उपयोग कर बैंक खाते खोले हैं। उन्होंने बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर केवाईसी भी कराई है। ये बैंक खाते फर्जी जानकारी के आधार पर खोले गए हैं।
वकास मलिक का नाम
एजेंसी ने आगे कहा कि सट्टेबाजी के लिए भारत में जनता से प्राप्त धन का एक हिस्सा हवाला लेनदेन का उपयोग कर विदेशों में स्थित उनके सहयोगियों द्वारा साझा किया जा रहा था। सीबीआई के अनुसार, आरोपी व्यक्ति वकास मलिक नाम के एक पाकिस्तानी नागरिक के संपर्क में थे, जिसका नंबर प्रारंभिक जांच के दौरान पहले ही मिल चुका है।
एजेंसी की पहली प्राथमिकी में तीन लोगों दिलीप कुमार, गुरराम सतीश और गुरराम वासु का नाम लिया गया है और यह नेटवर्क 2013 से सट्टेबाजी में शामिल है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि आरोपी के खाते में लगभग 10 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ था।
शुक्रवार को दर्ज की गई दूसरी प्राथमिकी में केंद्रीय एजेंसी ने चार लोगों सज्जन सिंह, प्रभु लाल मीणा, राम अवतार और अमित कुमार शर्मा के अलावा 2010 से आईपीएल क्रिकेट सट्टेबाजी में सक्रिय अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों को नामजद किया है। दूसरे मामले में शामिल लेनदेन 1 करोड़ रुपये के करीब हैं।