नई दिल्ली। देश के प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशालकाय अशोक स्तंभ का अनावरण किया है जिसको नये संसद भवन की छत पर लगाया गया है। इसको लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
अब ये कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय चिन्ह (अशोक स्तंभ) का स्वरूप बदल दिया गया है। सोमवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी अनावरण को संवैधानिक मानदंडों का उल्लंघन बताया था। वहीं, कांग्रेस इस बात से नाराज थी कि दूसरी पार्टियों को कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया।
अब अशोक स्तंभ को बदलने का आरोप आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लगाया है। संजय सिंह ने एक ट्वीट को शेयर करते हुए सवाल उठाया कि मैं 130 करोड़ भारतवासियों से पूछना चाहता हूं कि राष्ट्रीय चिन्ह बदलने वालों को ‘राष्ट्र विरोधी’ बोलना चाहिये कि नहीं बोलना चाहिये। संजय सिंह ने जो ट्वीट किया उसमें लिखा था कि पुराने अशोक स्तंभ में सिंह जिम्मेदार शासक की तरह गंभीर मुद्रा में दिखता है। वहीं दूसरे (संसद की छत पर लगने वाले) में सिर्फ आदमखोर शासक की भूमिका में खौफ फैलाने वाला जैसा लग रहा है। हालांकि, संजय सिंह के इस ट्वीट पर आ रहे रिएक्शन्स में उनको घेरा गया है। यूजर्स ने अशोक स्तंभ की पुरानी फोटोज शेयर की हैं। कहा है कि दोनों में कोई अंतर नहीं है।
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इसपर विवाद पर ट्वीट किया है। उन्होंने अशोक स्तंभ की एक पुरानी और नई तस्वीर शेयर की है। TMC सांसद जवाहर सरकार ने भी इसपर सवाल उठाये हैं। उन्होंने कहा कि यह हमारे राष्ट्रीय चिन्ह का अपमान है। असली तस्वीर लेफ्ट में है। वहीं सीधे हाथ पर मोदी वर्जन है, जिसे नई संसद बिल्डिंग के ऊपर लगाया गया है। यह अनावश्यक रूप से आक्रामक है। इसे तुरंत बदलें।
वहीं कुछ ने कहा कि नए वाले अशोक स्तंभ की फोटो बेहद नजदीक से खींची गई है, इसलिए ऐसा लग रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेता कपिल मिश्रा ने भी इसपर ट्वीट किया है। उन्होंने संजय सिंह पर तंज कसा है। नए संसद भवन की छत पर लगा यह अशोक स्तंभ बहुत विशाल है। ये 20 फीट ऊंचा है और इसका वजन 9500 किलो बताया गया है। इसे संभालने के लिए साढे छह हजार किलो की संरचना बनाई गई है जो पूरी की पूरी स्टील से तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि नए संसद भवन की छत पर लगने वाले अशोक स्तंभ चिन्ह को आठ चरणों की प्रक्रिया के बाद तैयार किया गया है।