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Sunday, October 1, 2023
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तालिबान के राज में काबुल हो गया अशरफ़ गनी सरकार से भी ज्यादा सुरक्षित :रुस

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अफगानिस्तान पर 20 साल के बाद एक बार फिर तालिबान का शासन हो गया है। उसने देश के राष्ट्रपति भवन पर भी कब्जा जमा लिया है। अफगानिस्तान में बिगड़ते हालात के बीच रूस ने बेहद ही बड़ा वाला बयान दिया है। रूस ने कहा कि तालिबानी शासन के बाद काबुल की स्थिति गनी की तुलना में बेहतर रहेगी। रूस के राजदूत दिमित्री जिरनोव ने तालिबान की प्रशंसा करते हुए कहा कि तालिबान ने पहले 24 घंटों में काबुल को गनी के शासन की तुलना में अधिक सुरक्षित बना दिया है।

जिरनोव ने कहा कि गनी का शासन ताश के पत्तों की तरह बिखर गया। उनके समय अव्यवस्था चरम पर थी, लोगों ने उम्मीद खो दी थी और विकास शून्य हो गया था। लेकिन अब तालिबान के 24 घंटे के शासन से पता चलता है कि शहर में आने वाले दिनों में सबकुछ ठीक हो जाएगा। स्थिति शांतिपूर्ण और अच्छी है और शहर में सब कुछ शांत हो गया है। 

जिरनोव ने कहा कि शुरू में निहत्थे तालिबान इकाइयों ने राजधानी काबुल में प्रवेश किया था। इसके बाद सरकार और अमेरिकी बलों को अपने हथियार आत्मसमर्पण करने के लिए कहा था। लेकिन जब शासन ने आत्मसमर्पण से इनकार कर दिया तो उनकी मुख्य सशस्त्र इकाइयां राजधानी में प्रवेश कर गईं और इसके बाद गनी डर से भाग गए।

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गनी के भागने के बाद वहां कर्फ्यू लगा दिया गया। रूसी राजदूत ने कहा कि तालिबान ने पहले ही रूसी दूतावास की सुरक्षा परिधि पर नियंत्रण कर लिया था जिसमें 100 से अधिक कर्मचारी हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार को वे तालिबान के साथ विस्तृत सुरक्षा वार्ता करेंगे।

जो बाइडेन ने अशरफ गनी पर फोड़ा ठीकरा

उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार देर रात अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे और अमेरिकी सेना के पुल आउट के मुद्दे पर देश को संबोधित किया। जो बाइडेन ने अफगानी नेतृत्व पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा कि अपने लोगों की भलाई के लिए साथ आने में अफगानी नेता नाकाम रहे। जब सबसे ज्यादा जरूरत थी तब वे अपने भविष्य के लिए खड़े नहीं हो पाए।

बाइडेन ने कहा कि मुझे अपने फैसले पर कोई ख़ेद नहीं है कि मैंने अफगानिस्तान में अमेरिका की लड़ाई को समाप्त किया। राष्ट्र के नाम संबोधन में जो बाइडन ने पुल आउट डील का ठीकरा पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप के सिर फोड़ा। उन्होंने आगे कहा, ‘अगर अगफान सेना लड़ने को तैयार नहीं तो अमेरिकियों को वहां अपनी जान गंवाने की जरूरत नहीं। अगर जरूरी हुआ तो आतंकवाद के खिलाफ अफगानिस्तान में कड़ी कार्रवाई करेंगे।’

फिर से खोला गया काबुल एयरपोर्ट

उधर, काबुल एअरपोर्ट को एक बार फिर खोल दिया गया है. 1000 अमेरिकी सैनिकों के पहुंचने पर देर रात एयरपोर्ट फिर से खोल दिया गया। अब अमेरिकी सैनिक ही उड़ानों का मैनेजमेंट संभाल रहे हैं। अमेरिका ने कहा है कि वह एयरपोर्ट पर अपने 6000 सैनिक तैनात करेगा, ताकि नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। अभी काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ जैसे हालात हैं। देश छोड़ने के लिए लोग हजारों की तादाद में वहां जमा हो गए हैं। कई ऐसे भी हैं जो बिना कोई सामान लिए एयरपोर्ट पर पहुंच गए हैं।

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Jamil Khan
Jamil Khan
Jamil Khan is a journalist,Sub editor at Reportlook.com, he's also one of the founder member Daily Digital newspaper reportlook
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