विधानसभा चुनाव के बाद अब समाजवादी पार्टी (samajwadi party) में कुछ नेता नाराज दिखाई पड़ रहे हैं. इसी क्रम में अब आजम खान (Azam Khan) के समर्थन में सपा के एक बड़े नेता ने इस्तीफा दे दिया है.
सलमान जावेद राइन ने अखिलेश यादव (akhilesh yadav) पर मुसलमानों के लिए न बोलने का आरोप भी लगाया है.
सलमान जावेद सुल्तानपुर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी सचिव हैं. उन्होंने लिखा कि सपा नेताओं पर हो रही कार्रवाई पर अखिलेश ने चुप्पी साधी हुई है, जिससे नाराज होकर वह इस्तीफा दे रहे हैं.
अपने पत्र में सलमान जावेद ने लिखा कि आजम खान को परिवार सहित जेल में डाल दिया गया. नाहिद हसन को जेल भेजा गया. शरजील इस्लाम का पेट्रोल पंप गिरा दिया गया. अखिलेश यादव खामोश रहे. उन्होंने आगे लिखा कि जो कायर नेता अपने विधायकों के लिए आवाज नहीं उठा सकता वो आम कार्यकर्ता के लिए क्या आवाज उठाएगा.
आजम खान के मीडिया प्रभारी ने भी उठाए थे सवाल
आजम खान के सपोर्ट में सपा में आवाज पहली बार नहीं उठी है. अभी 11 अप्रैल को म ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया था.
आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू ने आरोप लगाया था कि अखिलेश यादव नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं. फसाहत अली ने ये आरोप सीएम योगी के बयान को सही ठहराते हुए लगाए.
दरअसल, आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खां शानू ने एक मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा था कि क्या यह मान लिया जाए कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सही कहते हैं कि अखिलेश नहीं चाहते कि आजम खां जेल से बाहर आएं. फसाहत अली ने कहा कि जेल में बंद आजम खां के जेल से बाहर न आने की वजह से हम लोग सियासी रूप से यतीम हो गए हैं. हम कहां जाएंगे, किससे कहेंगे और किसको अपना गम बताएं. हमारे साथ तो वो समाजवादी पार्टी भी नहीं है, जिसके लिए हमने अपने खून का एक-एक कतरा बहा दिया. हमारे नेता मोहम्मद आजम खां ने अपनी जिंदगी सपा को दे दी, लेकिन सपा ने आजम खां के लिए कुछ नहीं किया.
फसाहत अली खां ने आगे कहा था कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को हमारे कपड़ों से बदबू आती है. उन्होंने मुस्लिम समुदाय का जिक्र करते हुए कहा, क्या सारा ठेका ‘अब्दुल’ (मुस्लिम वोटर) ने ले लिया है, वोट भी अब्दुल देगा और जेल भी अब्दुल जाएगा.
बता दें कि आजम खान अभी जेल में बंद हैं. आजम खान सपा के टिकट पर रामपुर से विधानसभा चुनाव लड़े थे. उन्होंने चुनाव में जीत हासिल की. हालांकि, वे रामपुर से सांसद भी थे. ऐसे में आजम खान ने अखिलेश यादव के साथ लोकसभा का इस्तीफा देकर लखनऊ की राजनीति करने का फैसला किया.