पंजाब में आम आदमी पार्टी सबसे बड़ा दल बनकर उभर रही है। 117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में ‘आप’ को 52 से 58 सीटें मिलने का अनुमान एबीपी-सीवोटर सर्वे में जताया गया है। इसके अलावा सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी सिर्फ 37 से 42 सीटों पर ही ठहरती दिख रही है। हालांकि आम आदमी पार्टी बहुमत से करीबी अंतर से चूकती दिख रही है।
सूबे में सत्ता के लिए जादुई आंकड़ा हासिल करने को किसी भी दल के लिए 59 सीटें मिलना जरूरी है, लेकिन एक 7 से 1 सीट तक के अंतर से आम आदमी पार्टी चूकती नजर आ रही है। वहीं भाजपा, कैप्टन अमरिंदर सिंह और ढींढसा के गठबंधन को महज 1 सीट ही मिलने का अनुमान ओपिनियन पोल में जताया गया है।
यही नहीं वोट प्रतिशत के लिहाज से भी आम आदमी पार्टी बड़ी बढ़त हासिल करती दिख रही है। सर्वे के मुताबिक राज्य में ‘आप’ को 40 फीसदी वोट मिल सकते हैं, जबकि कांग्रेस को 36 पर्सेंट वोट हासिल हो सकते हैं। 2017 तक सत्ता में रहे अकाली दल को इस बार महज 18 पर्सेंट वोट ही मिलने का अनुमान है।
वहीं पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक के चलते चर्चा में आई भाजपा को महज 2 फीसदी वोट ही मिलने का अनुमान है। यदि यह ओपिनियन पोल सही साबित होता है तो फिर अकाली दल, भाजपा के साथ ही कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगेगा। कैप्टन अमरिंदर सिंह के पार्टी छोड़ने, चरणजीत सिंह चन्नी के सीएम बनने और नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस को बड़ी उम्मीदें हैं।
ऐसे में सर्वे के नतीजे उसकी चिंताओं को बढ़ाने वाले हैं। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने 2017 में 20 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। सूबे में 77 सीटों के साथ कांग्रेस ने सत्ता हासिल की थी, जबकि आप को राज्य का मुख्य विपक्षी दल बनने का मौका मिला था। अब सर्वे में आम आदमी पार्टी सत्ता हासिल करने की ओर बढ़ती दिख रही है।
यदि ऐसा होता है तो बीते कई सालों से दिल्ली से बाहर निकलने की कोशिशों में जुटी आम आदमी पार्टी को बड़ी राहत मिलेगी। गौरतलब है कि पंजाब में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने खुद प्रचार की कमान संभाल ली है और सीनियर नेता राघव चड्ढा को पंजाब का प्रभारी बनाया गया है।
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