गुरुग्राम में नमाज विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की खबरें आखिरकार निराधार साबित हुई है। एक बार फिर से नमाज प्रकरण पर हिन्दू संगठन और नमाजी आमने-सामने हैं। मुस्लिम एकता मंच ने जहाँ सभी 37 जगहों (जिन्हें 2018 में चिन्हित किया गया था) पर नमाज पढ़ने का एलान किया है, वहीं हिन्दू संघर्ष समिति ने इसके विरोध की घोषणा की है। इस बीच पुलिस ने भी सभी विवादित स्थलों पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है। साथ ही कानून के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
गौरतलब है कि पिछले 3 महीने से यह विवाद आए दिन उठ रहा। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हिन्दू पक्ष के महावीर भारद्वाज ने कहा है कि किसी भी हाल में अब खुले में नमाज नहीं पढ़ने दी जाएगी। मुख्य रूप से सेक्टर-47, 12 ए, सेक्टर-18 के पार्क और सेक्टर-37 में टकराव की स्थिति पैदा होती रही है।
पिछले शुक्रवार को सेक्टर 37 में खुले में नमाज का विरोध कर रहे हिन्दू संगठन के दर्जन भर लोगों को हिरासत में भी लिया गया था। इस मामले में दिनेश ठाकुर को जेल भी भेजा गया था, जिनकी जमानत अभी तक नहीं हो पाई है। दिनेश ठाकुर भारत माता वाहिनी नाम का संगठन चलाते हैं और खुले में नमाज का लम्बे समय से विरोध कर रहे हैं।
गुरुग्राम इमाम एसोशिएशन के सुलह के फॉर्मूले को नकारने वाले गुरुग्राम मुस्लिम एकता मंच के हाजी शहज़ाद खान ने प्रशासन से सुरक्षा की माँग की है। DCP पश्चिम दीपक साहरण के अनुसार:
“जो भी कानून तोड़ेगा, उस से सख्ती से निबटा जाएगा। सभी थानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। नमाज वाले स्थानों पर बड़ी संख्या में फोर्स लगाई जाएगी।”