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Friday, April 19, 2024

अमेरिका में ‘नफरती हिंदू’ प्रस्ताव हुआ पारित, सड़कों पर उतरे कई हिंदू संगठन, पढ़े पूरी खबर

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अमेरिका में 60 से अधिक भारतीय हिन्दू संगठन डेमोक्रेटिक सरकार का विरोध कर रहे हैं. विरोध की वजह है एक प्रस्ताव. डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़ी टीनेक डेमोक्रेटिक म्यूनिसिपल कमेटी (TDMC) ने एक प्रस्ताव पारित किया है.

प्रस्ताव में विश्व हिंदू परिषद, सेवा इंटरनेशनल, हिंदू स्वयंसेवक संघ समेत 60 संगठनों पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है.न्यूजर्सी में TDMC नेता के नेतृत्व में पारित हुए प्रस्ताव में साफतौर पर कहा गया है कि ये सभी हिन्दू संगठन भारत और अमेरिका में रह रहे अल्पसंख्यकों के खिलाफ नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं.

जानिए, प्रस्ताव में हिन्दू संगठनों के खिलाफ क्या कुछ लिखा गया है, यह प्रस्ताव क्यों लाया गया और हिन्दू संगठनों का क्या कहना है?

प्रस्ताव में क्या कुछ हिन्दू विरोधी है?

TDMC के प्रस्ताव में भारतीय हिन्दू संगठनों को ‘विदेशी नफरती समूह’ कहा गया है. प्रस्ताव के मुताबिक, हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों ने राजनीति में घुसपैठ की है. ये संगठन नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं और आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं. इतना ही नहीं, दो डेमोक्रेटिक सांसदों को अमेरिका में सक्रिय हिंदू संगठनों की फंडिंग की जांच-पड़ताल करने का आदेश भी दिया गया है. कमेटी ने इस मामले में फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (FBI) और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) से दखल देने को कहा है. एजेंसियों से हिन्दू संगठन की जांच करने की गुजारिश की गई है.

मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि टीनेक डेमोक्रेटिक म्यूनिसिपल कमेटी का कहना है अमेरिका के कोडटाइटल 22 चैप्टर 38, सेक्शन 2656f(d) के तहत हिन्दू संगठनों को आतंकी समूह घोषित किया जा सकता है. कमेटी का कहना है, केवल घृणा की घटनाओं की निंदा करना ही पर्याप्त नहीं है क्योंकि “नफरत फैलाने वाल समूह” अधिक संगठित होते जा रहे हैं, लोगों को भय और नुकसान पहुंचा रहे हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए अब उनकी पहचान और निगरानी की जरूरत है.

अमेरिका में प्रस्ताव क्यों पारित किया गया?

अमेरिका में पिछले दो महीनों में कई ऐसी घटनाएं हुईं जिसके बाद लोगों ने हिन्दू विरोधी संगठनों को लेकर विरोध जताया. संगठन का कहना है, इसकी शुरुआत भारत में मनाए गए स्वतंत्रता दिवस से हुई थी जब परेड में बुलडोजर को सरकार की उपलब्धियों का प्रतीक के तौर पर पेश किया गया था।

इस घटना के बाद अमेरिका के कई संगठनों ने इसे नफरत और बंटवारे का प्रतीक बताया. धीरे-धीरे अमेरिकी संगठनों का विरोध बढ़ने लगा. विरोध के बीच अमेरिकी संगठनों ने देश में होने वाले साध्वी ऋतंभरा के कार्यक्रम को भी स्थगित किया गया.

हिन्दू संगठनों का क्या कहना है?

अमेरिकी सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर वहां के हिन्दू संगठनों में गुस्सा है. उनका कहना है, प्रस्ताव में ऐसी कई बातें कही गई हैं जो आपत्तिजनक हैं. इस प्रस्ताव को पारित करते समय अपने अपना पक्ष या बात रखने का मौका ही नहीं दिया गया और इसे एकतरफा पारित किया गया. यह गलत फैसला है. यह हिन्दुओं को बदनाम करने की साजिश की जा रही है. इस प्रस्ताव के आने के बाद हिन्दुओं की छवि खराब हो गई है।

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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