अस्सलाम ओ अलैकुम दोस्तों, हर रोज़ हम आपसे कुछ ऐसी बातें करते हैं जो हमारे जीवन के लिए बेहद ज़रूरी हैं और जिनसे जीवन आसान हो सकता है. इस्लाम के नज़रिए को समझते हुए हम आज फिर आपके बीच आ गए हैं दीन की एक बात को लेकर. हम आज जो बात करने जा रहे हैं वो है चावल खाने के बारे में. हमारे देश की बड़ी आबादी चावल का इस्तेमाल भी करती है, बाज़ लोग तो हर रोज़ चावल खाते हैं.
कई बार ऐसा होता है कि डॉक्टर मना कर देते हैं, बस तभी लोग चावल कम खाने लगते हैं. दोस्तों, हमारे प्यारे नबी करीम(स.अ.व्.) ने भी इस बारे में तालीम दी है. उन्होंने फ़रमाया कि अगर आप बहुत परेशान हैं घरो में या अपनी मालियत को लेकर या अपने काम काज को लेकर तो खाने में चावल का इस्तेमाल ज़रूर करें इंशा-अल्लाह बहुत फायेदा होगा. आज हम आपसे बात करने जा रहे हैं चावल खाने की फ़ज़ीलत के बारे में. आज हम बात कर रहे हैं कि चावल खाने की फजीलत।
हमारे नबी सल्लल्लाहु अलैहि फिल्म वसल्लम ने चावलो कि नेमत के बारे मे बताया है हम आपको एक हदीस की तरफ लेकर चलते हैं एक बार एक शख्स हुज़ूर की बारगाह मे आकर हाजिर हुआ और अरज़ करने लगा या रसूल अल्लाहमै बहुत गरीब हूं मेरे रिज़क मे बरकत नही होती मुझे कोई ऐसा वज़ीफ़ा बताएं जिससे मूझे कारोबार में बरकत हो यह सुन कर अल्लाह के रसूल नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया तुम चावल खाया करो इससे तुम्हारे रिस्क की तंगी दूर हो जाएगी.
बाद में दूसरा शख्स प्यारे नबी की बारगाह में हाज़िर हुआ और कहने लगा या रसूल अल्लाह मैं बहुत अमीर हूँ. मेरे पास बहुत माल है जिससे संभाला नहीं जा रहा या रसूल अल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम मुझे कोई ऐसा अमल बताइए जिससे मेरी परेशानी दूर हो जाए और मैं अपनी दौलत को संभाल सकती सुनकर प्यारे नबी सल्लल्लाहो वाले वसल्लम ने कहा ऐसा शख्स तुम चावल खाया करो यह सुनकर बहुत शख्स चला गया.
यह सारा माजरा कुछ सहाबी देख रहे थे तो उन सहाबियों ने हैरानी से देखा और अर्ज किया रसूल अल्लाह सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम यह क्या माजरा है जो शख्स गरीब था अमीर बनना चाहता था उसे अपने चावल खाने को बोला और जो साथ अमीर था जिससे अपनी दौलत संभाली नहीं जाती थी इससे भी आपने चावल खाने को हुकुम दिया अल्लाह के रसूल हमें कुछ समझ में नहीं आ रहा अल्लाह के नबी सल्लल्लाहोअलैहि वसल्लम ने फरमाया Iऐ लोगो अल्लाह ने चावल मे बरकत दिए है.
जो शख्स चावल खाता है वो अल्लाह की पनाह में रहता है उसकी रिज़्क मे बरकत होती है और उसके माल और दौलत में भी बरकत होती है तो जो शख्स गरीब था वह चावल खरीद कर खाएगा और एक-एक दाना चुन चुन कर खाएगा उनमें से एक दाना बरकत वाला होगा जब भी चावल का दाना पेट में जाएगा तब वह अल्लाह से दुआ करेगा उसके लिए रिजक के दरवाजे खोल दिए जाएंगे और जो शख्स अमीर था वो चावल पका कर आधा खाएगा और आधा गिरा देगा और उनमे से जो बरकत वाला चावल का दाना होगा वो उसके पेट मे नही जाएगा तो उसके रिज़्क मे कमी हो जाएगी.