मुंबई: मुंबई की विशेष अदालत ने 22 वर्षीय युवक को यौन उत्पीड़न के आरोपों से बरी कर दिया। कोर्ट ने आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया कि किसी नाबालिग लड़की को केवल एक बार ‘आई लव यू’ कहना प्यार जताना माना जाएगा।
एक रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार को जारी किए गए अपने आदेश में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (POCSO) के तहत गठित विशेष अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आरोपी का ऐसा कोई साक्ष्य नहीं पेश कर रहा जो पीड़िता का शील भंग करे।
विशेष जज कल्पना पाटिल ने सुनवाई के दौरान कहा कि पीड़िता के अनुसार घटना के दिन आरोपी ने उससे आई लव यू कहा। यह ऐसा मामला नहीं है जिसमें आरोपी लगातार पीड़िता का पीछा करता है और आई लव यू कहता है। ‘आई लव यू’ कहने की एकमात्र घटना, अधिक से अधिक पीड़िता के प्रति आरोपी के प्यार की भावना को व्यक्त करना माना जाएगा। इस कृत्य को पीड़िता के शील का अपमान करने का इरादा नहीं कहा जा सकता है।
बता दें कि आरोपी पीड़िता का पड़ोसी है और उसके खिलाफ 2016 में आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 509 (किसी महिला की लज्जा का अपमान करना) और पॉक्सों की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।