राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष सय्यद अमजद हुसैन ने कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लड़कियों को हिजाब पहनने के लिए कक्षा में नहीं जाने देना ‘भारत की बेटियों का भविष्य लूटना’ है।
तटीय कर्नाटक में मुस्लिम छात्रों के हिजाब में कॉलेजों में आने की घटनाओं को कक्षाओं में नहीं जाने दिया जा रहा है। हिजाब पहनने वाली लड़कियों का मुकाबला करने के लिए कई हिंदू लड़के सामने आ रहे हैं।
अमजद ने कड़ी निंदा करते हुए बताया कि स्कूल में यूनिफॉर्म के ऊपर चाहे कोई तिलक लगाए या हिजाब पहने उसमे कोई बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिए।
राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी के राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष सय्यद अमजद हुसैन जो की मात्र 18 साल के हैं और राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी ने उन्हें पार्टी का आला कमान सौंप दिया है।
कौन है अमजद?
उनका जन्म बिहार के शेखपुरा ज़िला के एक छोटे से गांव जमूआरा में हुआ था। शुरुआती दिनों तालीम उनके पिता जी के द्वारा बनाए गए मदरसा जामिया हबीबिया में की और अंग्रेजी शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल शेखपुरा से पूरी करके अब SADN कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं।
राजनीति में क्यों आए?
अमजद बताते हैं कि राजनीति में आने की इच्छा तो बिल्कुल नहीं था लेकिन देश के हालात दिन ब दिन बद्तर होने के वजह से वो पहले सामाजिक कार्य करने लगे उसके बाद 2019 के दिसंबर में बनी राष्ट्रीय सेक्युलर मजलिस पार्टी में जुड़े।
अमजद की सरपरस्ती में 2020 बिहार विधानसभा का चुनाव हुआ कोई सीट हाथ नहीं लगी और न किसी पार्टी ने गठबंधन किया। फिर 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव में सक्रिय हुए। संजुक्त मोर्चा गठबंधन में शामिल हो कर भंगार विधानसभा में जीत हासिल हुआ।