उत्तराखंड के जोशीमठ से लगभग 25 किमी दूर रविवार सुबह ग्लेशियर टूट गया। चमोली में रेणी के पास इस प्राकृतिक आपदा के चलते वहां कई इलाकों में पानी का भयंकर गुबार देखने को मिला। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने बताया कि हादसे में 100-150 लोगों की जान जाने की आशंका है। बताया जा रहा है कि यह पानी के सैलाब से आस-पास के कुछ घरों को भी नुकसान पहुंचा है। यही नहीं, ऋषि गंगा प्रोजेक्ट और तपोवन में बैराज को भी नुकसान की खबर है।
दूसरी तरफ इस पूरी घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी नजर रख रहे हैं। पीएम मोदी ने चमोली में हुए हादसे पर असम से ही स्थिति की समीक्षा की है। उन्होंने उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और अन्य अधिकारियों से बात की है। इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि दिल्ली से राहत-बचाव कार्य के लिए टीमों को दिल्ली से चमोली रवाना किया जा रहा है। इसके अलावा शाह के साथ भी गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय और उत्तराखंड सीएम लगातार संपर्क में हैं। घटना की गंभीरता को देखते हुए एयरफोर्स को स्टैंडबाई पर रखा गया है।
इसी बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने कहा है- चमोली के रिणी गांव में ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी बारिश व अचानक पानी आने से क्षति की आशंका है। नदी में अचानक पानी आने से अलकनंदा के निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ की आशंका है। तटीय क्षेत्रों में लोगों को अलर्ट किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को हटाया जा रहा है।
बकौल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, “एहतियातन भागीरथी नदी का फ्लो रोक दिया गया है। अलकनन्दा का पानी का बहाव रोका जा सके इसलिए श्रीनगर डैम तथा ऋषिकेष डैम को खाली करवा दिया है। SDRF अलर्ट पर है। मेरी आपसे विनती है अफवाहें न फैलाएं। मैं स्वयं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं।”
हेल्पलाइन नंबर जारीः उत्तराखंड सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर हेल्पलाइन नंबर जारी किया है, जो कि 1070 और 9557444486 हैं। सीएम के मुताबिक, बाढ़ प्रभावित इलाकों में या उसके आसपास जो लोग फंसे हैं वे इन नंबरों पर कॉल कर मदद हासिल कर सकते हैं।
बिजली परियोजना चला रही कंपनी को बड़ा नुकसान
ग्लेशियर टूटने से नदियों में आई बाढ़ के बाद गढ़वाल क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। चमोली जिले के निचले इलाकों में खतरा देखते हुए राज्य आपदा प्रतिवादन बल और जिला प्रशासन को सतर्क कर दिया गया है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषिगंगा के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण धौलगंगा घाटी और अलकनन्दा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है जिससे ऋषिगंगा और धौली गंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कम्पनी की ऋषिगंगा बिजली परियोजना को भारी नुकसान पहुंचा है।