भोपाल. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बीटेक स्टूडेंट निशांक राठौर की मौत का मामला नए मोड़ पर पहुंच गया है. इस केस में एसआईटी के बाद अब साइबर पुलिस की जांच भी सुसाइड पर आकर रुक गई है. इस मामले में मृतक निशांक के मोबाइल से की गई संदिग्ध पोस्ट की सच्चाई भी सामने आ गई है. इतना ही नहीं मृतक कई लोन की वसूली से डिप्रेशन में भी था. साइबर पुलिस के साथ-साथ एसआईटी भी निशांक की मौत को आत्महत्या ही मान रही है. उसे हत्या का कोई सबूत नहीं मिला है.
गौरतलब है कि मृतक निशांक के मोबाइल से की गई ‘सर तन से जुदा’ पोस्ट को लेकर ने केवल सवाल खड़े हो रहे थे, बल्कि पुलिस की जांच भी उलझ रही थी. अब इन सवालों के जवाब भी साइबर फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट में मिल गए हैं. साइबर फॉरेंसिक जांच में ‘सर तन से जुदा गैंग’ से कोई कनेक्शन नहीं मिला है.
एसआईटी के बाद साइबर पुलिस की जांच में भी हत्या के सबूत नहीं मिले हैं. साइबर पुलिस ने एसआईटी को प्राथमिक जांच रिपोर्ट की जानकारी दे दी है. मौत से पहले की गई निशांक की संदिग्ध पोस्ट के लिखने, सोचने, भाषा, शब्दों के तरीके के बिंदु पर जांच रिपोर्ट तैयार हुई है. साइबर पुलिस ने मोबाइल फोन और इंटरनेट के 3 महीने के डाटा का एनालिसिस किया है.
लोन की रिकवरी से डिप्रेशन में था मृतक
साइबर पुलिस की जांच में ये भी पता चला है कि मृतक निशांक ने कई तरह के लोन ले रखे थे. उसने दोस्तों के अलावा चाइनीस ऐप से भी लोन लिया था. लोन की वसूली से परेशान होकर निशांक डिप्रेशन में आ गया था. बता दें, उसकी मौत की वजह का पता लगाने के लिए एसआईटी ने कई बार पूरे घटनाक्रम का रिक्रिएशन भी किया. एसआईटी ने संभावित चश्मदीद की भी तलाश करने की कोशिश की. दूसरी ओर साइबर फॉरेंसिक जांच में पता चला है कि ‘सर तन से जुदा’ वाली पोस्ट निशांक के मोबाइल फोन से ही उसके पितो को भेजी गई थी. इंटरनेट पर निशांक सिर तन से जुदा जैसे आर्टिकल लगातार सर्च कर रहा था. निशांक के मोबाइल से ही फोटो भी एडिट की गई थी. ऐसे में साइबर की जांच भी सुसाइड की तरफ इशारा कर रही है.