ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे पूरा हो चुका है. गुरुवार (19 मई) को वाराणसी की ट्रायल कोर्ट में सर्वे रिपोर्ट पेश की जाएगी. सर्वे टीम से मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटा दिया गया है. इसके बाद रिपोर्ट जमा करने की जिम्मेदारी कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह के पास आ गई है. इस काम में अजय सिंह उनकी मदद करेंगे.
वहीं, सर्वे टीम से हटाए जाने के बाद अजय मिश्रा ने कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वे राजनीति का शिकार हुए हैं. उन पर मुस्लिम पक्ष के कहने पर कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि विशाल सिंह के कहने पर उन्हें हटाया गया है.
अजय मिश्रा के बयान पर पलटवार करते हुए विशाल सिंह ने कहा कि उन्होंने कोर्ट में मामला क्लियर करने के लिए एप्लीकेशन दी थी. उनका आवेदन स्थिति स्पष्ट करने के लिए था, क्योंकि बार-बार सब पूछ रहे थे कि रिपोर्ट कौन देगा. विशाल सिंह ने कहा कि 14 से 16 मई तक की करवाई वह प्रेषित करेंगे. उससे पहले की अजय मिश्रा ही करेंगे. मिश्रा अभी भी उनकी टीम में हैं. 6 और 7 मई की जो कार्रवाई हुई है, उसमें वही रिपोर्ट देंगे. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है, वह मेरा सहयोग करेंगे.
विशाल सिंह ने कहा कि कुछ ऐसी चीजें हो गईं, जो नहीं होनी चाहिए थी. उन्होंने कहा कि कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए ऑर्डर दिया है. कार्रवाई गोपनीय होनी चाहिए. अगर कोई सूचनाएं लीक कर रहा है तो यह कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट (न्यायिक अवमानना) है.
विशाल सिंह ने कहा कि मेरी अजय मिश्रा से कोई दुश्मनी नहीं है, मेरा अनुभव और प्रैक्टिस दोनों उनसे ज्यादा है. मैंने जानबूझकर कुछ नहीं किया है, बस कार्रवाई ढंग से हो इसलिए ऐसा किया. उन्होंने कहा कि उठाने गिराने की बात नहीं है. सबका सम्मान किया गया. कोर्ट के आदेश का सम्मान करना होगा. इसकी निष्पक्षता पर कोई प्रश्न न उठाए.
अजय मिश्रा ने क्या आरोप लगाए थे?
अजय मिश्रा ने विशाल सिंह के नाम एक संदेश भी दिया. अजय मिश्रा ने कहा कि खुद उठने के लिए किसी और को गिराना नहीं चाहिए. मैं अपने आप में सही था, अगर मुझसे दिक्कत थी तो आकर बात करनी चाहिए थी, उन्होंने यह बहुत गलत किया.
अजय मिश्रा ने कहा कि मुझे हटाए जाने की वजह पता नहीं है. बस विशाल सिंह को आपत्ति है. उन्हें मेरे सामने बैठकर बताना चाहिए कि मैंने क्या गलत किया है. यह राजनीति है. मैं इस राजनीति को समझ गया हूं, मेरा सीधापन ही मेरी गलती है.
मिश्रा ने आगे कहा कि मैंने कोई गलती नहीं की है, लेकिन विशाल ने जो किया वह गलत किया. मेरे ऊपर आरोप लगाए गए. सर्वे के दौरान मैं अपने रास्ते जाता था, वह अपने रास्ते. मुझे इसकी उम्मीद नहीं थी. लेकिन कोर्ट का सम्मान है. इसलिए चुप बैठूंगा. मैं अपनी जगह सही हूं, कोई गलत काम नहीं किया, मेरी आत्मा यह जानती है.
सुप्रीम कोर्ट और ट्रायल कोर्ट दोनों में हुई सुनवाई
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में मंगलवार को वाराणसी कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों में सुनवाई हुई. सर्वे टीम की तरफ से रिपोर्ट जमा करने के लिए 2 दिन का समय मांगा गया. मंगलवार की सुनवाई के दौरान ये मोहलत दे दी गई. सर्वे कमिश्नर अजय मिश्रा को हटा दिया गया. उनके सहयोगी पर सर्वे की जानकारी लीक करने के आरोप लग रहे थे. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष लगातार उन्हें हटाने की मांग कर रहा था.
शिवलिंग की सुरक्षा करें, नमाज प्रभावित न हो: SC
मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई. ये सुनवाई मस्जिद कमेटी की याचिका पर की गई. कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में सर्वे कराने पर ही सवाल उठाए थे. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर सर्वे के दौरान शिवलिंग मिला है तो उसकी सुरक्षा की जाए, लेकिन इससे नमाजियों को कोई परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा जाए. बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे का काम पूरा हो गया है. हिंदू पक्ष की तरफ से दावा किया गया है कि मस्जिद परिसर के अंदर शिवलिंग मिला है, जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि वो शिवलिंग नहीं फव्वारा है.