नौगावां सादात में शनिवार को तीसरी मोहर्रम का मातमी जुलूस अंजुमन-ए-हैदरी के संयोजन में बरामद हुआ। अजादारों ने मातम बरपा करते हुए इमाम हुसैन की शहादत को याद किया। फिजाओं में देर रात तक या हुसैन-या हुसैन की सदाओं की गूंज सुनाई देती रही।
बस्ती के मोहल्ला बंगला स्थित हींगा वाली मस्जिद से हुसैनी काफिले की शुरुआत दोपहर में हुई। मौलाना मोहम्मद अब्बास ने कर्बला का वाक्या बयां किया। जिसे सुनकर अजादाराने हुसैन की आंखें नम हो गईं। जुलूस में ढोल-ताशे की धुन के बीच जुलजनाह व अलम के साथ अजादार मर्सिया पढ़ते हुए चल रहे थे। दिलबर दानिश ने वजीर नौगांवी का नोहा ये बता रही है कर्बला, कत्ल-ए-शह हुआ है बेखता पढ़ा। जुलूस जब कर्बला रोड से हफ्ता बाजार पहुंचा तो अली शब्बर व इरशाद अली ने गौहर नौगांवी का नोहा बहन कुलसूम कूफा आ रहा है, मेरा दिल गम से बैठा जा रहा है पढ़कर माहौल को गमगीन कर दिया। तयशुदा रास्तों से गुजरते हुए नोहेख्वानी के बीच जुलूस देर शाम हींगा वाली मस्जिद पहुंचकर संपन्न हुआ। इस दौरान मोहम्मद अब्बास, सिब्ते हैदर, हुसैन अब्बास, तारिक शोबी, कौसर अब्बास, शबाब हैदर आदि मौजूद रहे।
By Ahsan Ali