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Saturday, April 27, 2024

चुनाव सुधारों को लेकर फिर सक्रिय हुई सरकार, मतदाता पहचान पत्र और आधार को जोड़ने की तैयारी, युवाओं के लिए बड़ी पहल

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नई दिल्ली, चुनाव सुधारों के लिए लंबे समय से उठ रही मांगों को देखते हुए सरकार एक बार फिर से सक्रिय हुई है। समझा जा रहा है कि चुनाव सुधारों से जुड़े विधेयक को सरकार ने हरी झंडी दे दी है।

चुनाव सुधार के जिन अहम बिंदुओं पर तेजी से काम चल रहा है, उनमें फर्जी मतदान और वोटर लिस्ट में दोहराव रोकने के लिए मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने, देश में एक ही मतदाता सूची तैयार करने, जिसका इस्तेमाल लोकसभा और विधानसभा चुनावों से लेकर पंचायत चुनावों तक होगा और चुनाव आयोग को और शक्तियां देने जैसे कदम शामिल हैं।

युवाओं को पंजिकरण के लिए मिलेंगे चार मौके

इसके अलावा मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए नए युवा मतदाताओं को साल में चार बार मौका देने और महिला प्रतिरक्षा कार्मिकों को बराबरी का अधिकार देने की भी तैयारी है। यह भी संभव है कि सरकार बहुत जल्द इस संबंध में कोई घोषणा कर दे।

कई अहम सुझाव दिए

चुनाव सुधारों को लेकर हाल ही में कानून मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति ने कई अहम बैठकें कई सुझाव दिए हैं जिसमें चुनाव आयोग की उन सिफारिशों को प्रमुखता दी गई है, जिसमें चुनाव सुधार की दिशा में मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने, कामन वोटर लिस्ट तैयार करने, रिमोट वोटिंग आदि विषय मुख्य रूप से शामिल हैं।

लैंगिक असमानता दूर करने का प्रयास

सूत्रों के अनुसार चुनाव सुधारों से संबंधित विधेयक में प्रतिरक्षा कार्मिकों के लिए निर्वाचन नियमों में लैंगिक असमानता दूर करने का प्रयास किया गया है। अभी सेना के अधिकारी या जवान की पत्‍‌नी को मतदाता के रूप में नामांकित होने की हकदार है, लेकिन एक महिला सैन्य अधिकारी या जवान के पति को यह अधिकार प्राप्त नहीं है।

पत्नी शब्द को पति/पत्नी से बदलने के संस्तुति

इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिलने के बाद इसमें बदलाव हो सकता है। आयोग ने कानून मंत्रालय से प्रतिरक्षा मतदाताओं से संबंधित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रविधान में पत्नी शब्द को पति/पत्नी से बदलने के संस्तुति की है।

युवाओं को होगा बड़ा लाभ

प्रस्तावित विधेयक का एक और प्रविधान युवाओं को हर साल चार अलग-अलग तिथियों पर मतदाता के रूप में नामांकन करने की अनुमति देगा। अभी तक, हर साल पहली जनवरी को या उससे पहले 18 साल के होने वालों को ही मतदाता के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति है। चुनाव आयोग अधिक योग्य लोगों को मतदाता के रूप में पंजीकरण करने की अनुमति देने के लिए कई कट-आफ तारीखों पर जोर दे रहा था।

चुनाव आयोग ने कही थी यह बात

वर्तमान में, किसी विशेष वर्ष में होने वाले चुनाव के लिए, केवल वही व्यक्ति मतदाता सूची में नामांकित होने के लिए पात्र हैं, जो उस वर्ष की पहली जनवरी या उससे पहले 18 वर्ष की आयु प्राप्त कर चुके हैं। चुनाव आयोग ने सरकार को बताया था कि इस उद्देश्य के लिए निर्धारित पहली जनवरी की कट-आफ तारीख कई युवाओं को एक विशेष वर्ष में होने वाली चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने से वंचित करती है।

कड़े नियम बनाने की सिफारिश

इसके साथ ही चुनाव के दौरान झूठे हलफनामे दाखिल करने वालों के खिलाफ और सख्त कार्रवाई करने, चुनाव में तय सीमा से ज्यादा पैसा खर्च करने आदि के मामलों के लिए कड़े नियम बनाने की सिफारिश की गई है।

कानून मंत्रालय देता रहा है सुझाव

गौरतलब है कि चुनाव आयोग इन सुधारों को लेकर कानून मंत्रालय को कई बार अपने सुझाव देता रहा है। चुनाव सुधारों के तहत लोकसभा से लेकर विधानसभा और पंचायत आदि के चुनाव एक साथ कराने का भी सुझाव है, लेकिन इस पर फिलहाल अभी चुप्पी है।

2015 में शुरू हुई थी कवायद

उल्लेखनीय है आधार को वोटर कार्ड से जोड़ने की कवायद फरवरी 2015 में तत्कालीन मुख्य चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा के कार्यकाल के दौरान आयोग द्वारा शुरू की गई थी। हालांकि, आधार-वोटर आइडी लिंकिंग प्रक्रिया को अगस्त 2015 में निलंबित कर दिया गया क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड के उपयोग को एलपीजी और केरोसिन वितरण और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) तक सीमित कर दिया था।

क्‍या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने…

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि निजता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, लेकिन इसमें कटौती की जा सकती है, बशर्ते आधार विवरण एकत्र करने या राज्य के हित को अधिकृत करने वाला एक विशिष्ट कानून मौजूद हो।

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Ahsan Ali
Ahsan Ali
Journalist, Media Person Editor-in-Chief Of Reportlook full time journalism.

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