चंडीगढ़. पंजाब में सामान्य वर्ग (General category people) के लोगों द्वारा अनुसूचित जाति (Scheduled Castes) के फर्जी प्रमाण पत्र (Fake certificates) बनाकर सरकारी नौकरियां हासिल करने का मामला सामना आया है. इस बाबत अब पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग Punjab State (Scheduled Caste Commission) द्वारा जाली जाति प्रमाणपत्रों संबंधी प्राप्त हो रही शिकायतों के मद्देनजर जांच करने के लिए 3 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग की चेयरपर्सन तेजिन्दर कौर ने बताया कि आयोग के पास बड़े स्तर पर शिकायतें प्राप्त हुई हैं कि पंजाब राज्य में सामान्य वर्ग के लोगों द्वारा आरक्षण पॉलिसी का उल्लंघन करते हुए अनुसूचित जाति वर्ग के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही सुविधाओं का जाली प्रमाणपत्र के आधार पर लाभ लेकर असली अनुसूचित जाति से संबंधित व्यक्तियों का अधिकार छीना जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इस संबंधी कार्यवाही करने के लिए डायरेक्टर सामाजिक न्याय अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग (Social Justice, Empowerment and Minorities Department) को भेजी गई परंतु विभाग को इस संबंधी की गई कार्यवाही बारे कोई भी रिपोर्ट आयोग को प्राप्त नहीं हुई. उन्होंने यह भी बताया कि बहुत से सामान्य वर्ग के व्यक्तियों द्वारा जाली प्रमाणपत्र के आधार पर अनुसूचित जातियों के लिए आरक्षित नौकरियां भी हासिल कर ली गई हैं. जिनके बारे में भी उक्त विभाग द्वारा भेजी गई शिकायतों पर भी कोई कार्यवाही नहीं की गई.
तेजिन्दर कौर ने कहा कि इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए एक 3 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. जिसमें अनुसूचित जाति आयोग के गैर सरकारी सदस्य ज्ञान चंद, प्रभदयाल, परमजीत कौर को शामिल किया गया है. इसके अलावा जिस जिले से संबंधी शिकायत प्राप्त होगी उस जिले का इंचार्ज गैर-सरकारी सदस्य भी इस समिति का सदस्य होगा. यह समिति शिकायत की जांच करने के उपरांत कार्यवाही के लिए पंजाब सरकार से सिफारिश करेगी.
पंजाब राज्य अनुसूचित जाति आयोग द्वारा मुक्तसर जिले में दलितों के साथ घटी घटनाओं का जायजा लेने के लिए भी 2 सदस्यीय टीम का गठन किया गया है. इस संबंधी जानकारी देते हुए आयोग की चेयरपर्सन तेजिन्दर कौर ने बताया कि आयोग के पास बीते कुछ दिनों से दलितों के साथ घटी घटनाओं संबंधी शिकायतें आ रही हैं. जिनकी जांच के लिए आयोग द्वारा एक 2 सदस्यीय टीम भेजने का फैसला लिया गया है. इस टीम में ज्ञान चंद और प्रभदयाल सदस्य को शामिल किया गया है.