गोरखनाथ मंदिर पर तैनात पीएसी जवानों पर हमला करने के आरोपी अहमद मुर्तुजा अब्बासी के पिता मुनीर अहमद अब्बासी ने दावा किया है कि दो दिन पहले दो लोग सादे कपड़ों में उनके घर पहुंचे थे।
उस वक्त वे और उनका बेटा वहां मौजूद नहीं थे। दोनों ने खुद को पुलिसवाला बताया था और कहा था कि वे कोर्ट का समन देने आए हैं। हालांकि बाद में सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि दोनों एटीएस के लोग थे।
मुनीर का कहना है कि उनकी गैरमौजूदगी में दोनों की उनके बड़े भाई डा.ए.के.अब्बासी से बात हुई जो शहर के मशहूर चिकित्सक हैं। दोनों ने उन्हें बताया था कि मुर्तजा के खिलाफ कोर्ट से समन जारी हुआ है। 35 लाख रुपए का कोई मामला है। लेकिन जब उनके भाई ने समन मांगा तो उन्होंने मुर्तजा को ही देने की बात कहकर दिखाने से इनकार कर दिया। मुनीर के मुताबिक उनके भाई मुर्तजा को बुलाने के लिए जैसे ही घर में गए दोनों वहां से चले गए। बाद में गाड़ी नंबर और सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि वे एटीएस के लोग थे।

बार-बार बयान बदल रहा आरोपी
उधर, सूत्रों के मुताबिक मुर्तुजा ने पूछताछ में बताया है कि एटीएस द्वारा खोजे जाने की सूचना से डरकर मुर्तजा नेपाल भाग गया था। वह रविवार की शाम ही गोरखपुर लौटा और सीधे गोरखनाथ मंदिर पहुंच गया। वहां मंदिर के गेट पर तैनात पुलिसवालों को देखा तो घर पर पुलिसवालों के पहुंचने की बात याद आ गई। इसके बाद डर और गुस्से में उसने पुलिसवालों पर हमला कर दिया। सूत्रों का कहना है कि आरोपी किसी एक बात पर कायम रह रहा। वह बार-बार अपना बयान बदल रहा है। रविवार की शाम पुलिसवालों पर हमले के दौरान उसे कहते सुना गया कि वह चाहता है कि कोई उसे गोली मार दे।

पिता का दावा-दिमागी हालत ठीक नहीं
मुर्तजा के पिता मुनीर अहमद अब्बासी का दावा है कि उनके बेटे की दिमागी हालत ठीक नहीं है। उनके मुताबिक लंबे समय से मुर्तजा का इलाज चल रहा है। दिमागी हालत की वजह से ही उसने नौकरी छोड़ दी थी। उसकी इसी हालत के चलते उसकी पत्नी ने भी उसे छोड़कर अलग रहना शुरू कर दिया। पिता की मांग है इस मामले में पूरी जांच-पड़ताल के बाद ही कोई कार्रवाई की जाए।