एनआईए ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर साजिश रचने के मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद दिग्विजय नेगी और छह अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। जांच एजेंसी का आरोप है कि ये सभी पाकिस्तान में स्थित लश्कर के गुर्गों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में शामिल थे।
पुलिस अधीक्षक नेगी सहित छह आरोपी
जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि संबंधित कानूनों के तहत पूर्व पुलिस अधीक्षक नेगी, खुर्रम परवेज, मुनीर अहमद कटारिया और उत्तरी कश्मीर के अर्शीद अहमद टोंच, बिहार के जफर अब्बास, पश्चिम बंगाल के रामभवन प्रसाद और चंदन महतो के खिलाफ विशेष एनआईए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
नेगी को इस साल फरवरी में और परवेज को पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया गया था। इन्हें पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के गुर्गों और ओवर ग्राउंड वर्कर्स को फंड देने और आतंकियों की भर्ती करने की साजिश से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
एनआईए ने अरविंद दिग्विजय नेगी को लश्कर-ए-तैयबा के एक सदस्य को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एनआईए ने पिछले साल छह नवंबर में मामला दर्ज किया था। एनआईए ने आरोप पत्र में कहा है कि जांच से पता चला है कि पाकिस्तान में स्थित लश्कर के गुर्गों ने परवेज, कटारिया, टोंच और अब्बास के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा की गतिविधियों को आगे बढ़ाने की साजिश रची थी।
आरोपियों ने सुरक्षा बलों के महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, तैनाती और आवाजाही के बारे में जानकारी एकत्र की थी। एनआईए ने कहा कि प्रसाद और महतो ने जाली पहचान दस्तावेज बनाए थे और उनका इस्तेमाल सिम कार्ड हासिल करने और बैंक खाते खोलने के लिए किया था।