नई दिल्ली: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिला रुकने की घटना से जुड़ा विवाद गर्माता जा रहा है। इस क्रम में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने भी बयान जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
किसानों पर पीएम मोदी की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने के आरोपों के बीच एसकेएम ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि- 5 जनवरी को पीएम मोदी के प्रस्तावित पंजाब दौरे की खबर मिलने पर संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े 10 किसान संगठनों ने अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी व अन्य बकाया मांगों को लेकर सांकेतिक विरोध की घोषणा की थी।
कुछ किसानों को पुलिस ने फिरोजपुर जिला मुख्यालय जाने से रोका तो उन्होंने कई जगह सड़क पर बैठ कर विरोध किया. इनमें से वो फ्लाईओवर भी था जहां पीएम का काफिला आया, रुका और वापस चला गया. वहां के किसानों को इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं थी कि पीएम का काफिला गुजरने वाला है।
मौके के वीडियो से साफ है कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पीएम के काफिले की तरफ जाने की कोई कोशिश तक नहीं की। जबकि भाजपा का झंडा और “नरेंद्र मोदी जिंदाबाद” के नारे के साथ एक समूह उस काफिले के पास पहुंचा था। इसलिए पीएम की जान को खतरा पूरी तरह मनगढ़ंत लगता है।
इस मामले की जांच के लिए गृह मंत्रालय (एमएचए) ने गुरुवार को एक विशेष समिति का गठन किया है। गृहमंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज से इस बारे में जानकारी साझा करते हुए लिखा है कि- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 05.01.2022 को फिरोजपुर, पंजाब की यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर चूक की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है।
तीन सदस्यीय समिति का नेतृत्व श्री सुधीर कुमार सक्सेना, सचिव (सुरक्षा), कैबिनेट सचिवालय करेंगे और इसमें श्री बलबीर सिंह, संयुक्त निदेशक, आईबी और श्री एस सुरेश, आईजी, एसपीजी शामिल होंगे। समिति को जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
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