दिल्ली हज कमेटी की अध्यक्ष कौसर जहान ने शनिवार को लेफ्टिनेंट गवर्नर वीके सक्सेना से मिलकर समिति को दफ़्तर की जगह खाली करने के लिए दी गई नोटिस के मामले में दखल देने की अपील की.
दरअसल, दिल्ली हज कमेटी का दफ़्तर दिल्ली अर्बन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड (डीयूएसआईबी) की एक इमारत में है. हज कमेटी इसके लिए किराया देती है.
दिल्ली हज कमेटी पर दिल्ली में विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी का है. इस मुलाकात के बाद दिल्ली बीजेपी के कार्यालय में कौसर जहान ने पार्टी की प्रवक्ता शाज़िया इल्मी के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया.
कौसर जहान ने अरविंद केजरीवाल की सरकार पर हज कमेटी को परेशान करने का आरोप लगाया. बीजेपी नेताओं के आरोप पर डीयूएसआईबी या फिर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी की तरफ़ से कोई जवाब अभी तक नहीं आया है.
कौसर जहान ने बताया कि डीयूएसआईबी ने हज कमेटी को नोटिस जारी कर तुर्कमान गेट के पास हज मंजिल की इमारत से दफ़्तर खाली करने को कहा है साथ ही लाइसेंस फी और ब्याज के मद में एक लाख रुपये की मांग भी की गई है.
शाज़िया इल्मी ने कहा कि दिल्ली सरकार की एक एजेंसी द्वारा ये नोटिस भेजा जाना शर्मनाक है क्योंकि हज कमेटी मुसलमानों की तीर्थयात्रा का देखरेख करती है.

दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया कि डीयूएसआईबी का नोटिस बदले की राजनीति है क्योंकि कौसर जहान हज कमेटी की निर्वाचित प्रतिनिधि हैं.
By Ahsan Ali