बनारस के सिविल जज (सीनियर डिविजन) फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्र पांडेय की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े मामले में एक अहम फ़ैसला दिया है.
अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर को हिन्दू पक्ष को सौंपने, पूजा करने और परिसर में मुसलमानों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका की सुनवाई को मंज़ूरी दे दी है.
इस फैसले की पुष्टि करते हुए सरकारी वकील ने बताया कि अदालत ने इस मामले को सुनवाई लायक माना है.
याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मिले कथित ‘शिवलिंग’ जिसे भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के नाम से संबोधित करते हुए, आदि विश्वेश्वर विराजमान को ही वादी बनाकर याचिका दाखिल की गई थी और उनकी तरफ से ही तीनों मांगे की गई थी.
वहीं प्रतिवादी पक्ष अंजुमन इंतज़ामिया की ओर से आदेश 7 रूल 11 के तहत आवेदन पर ही सवाल उठाए गए हैं. मुस्लिम पक्ष का दावा था कि यह मुकदमा और उससे जुड़ी मांगे 1991 के उपासना स्थल अधिनियम से बाधित हैं.
इस एक्ट के अनुसार 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धार्मिक स्थल के धार्मिक चरित्र को बदला नहीं जा सकता है. मुस्लिम पक्ष की मांग को आज अदालत ने खारिज कर दिया.
अब मामले की सुनवाई 2 दिसंबर को होगी.