लंदन. ब्रिटेन के सेना प्रमुख निक कार्टर ने तालिबान (Taliban) को दुश्मन कहने से इनकार किया है और दुनिया से तालिबान को अफगानिस्तान (Afghanistan) में एक नई सरकार बनाने के लिए आवश्यक स्थान देने के लिए कहा. कार्टर ने कहा कि तालिबानी मूल रूप से “राष्ट्र के लड़ाके” थे, जो तथाकथित “पश्तूनवाली”, सामान्य आदिवासी से संबंध रखते थे. उन्होंने कहा कि नया तालिबान पहले की तुलना में कहीं अधिक उचित साबित हो सकता है.
ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ निक कार्टर ने यह भी कहा कि वह अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई के संपर्क में थे, जिनके बारे में कहा जाता है कि वे बुधवार को तालिबान से मिलेंगे. बीबीसी से बात करते हुए, कार्टर ने कहा कि, “हमें धैर्य रखना होगा और हमें उन्हें सरकार बनाने के लिए जगह देनी होगी. हमें उन्हें अपनी साख दिखाने के लिए जगह देनी होगी.” उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि आपको तालिबानियों के लिए शत्रु शब्द का प्रयोग करते हुए बहुत सावधान रहना चाहिए. मेरा मानना है कि लोग यह समझाना चाहते हैं कि तालिबान वास्तव में कौन हैं. उन्हें एक ऐसा अफगानिस्तान चाहिए जो सभी के लिए समावेशी हो.”
महिला अधिकारों और तालिबान के पहले के शासन के सवाल पर उन्होंने कहा कि फिलहाल वे जो कह रहे हैं, उसे सुनने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “हो सकता है कि यह तालिबान एक अलग तालिबान है जिसे लोग उन्नीस नब्बे के दशक का समझ रहे हैं.”
वहीं, ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने बुधवार को कहा कि तालिबान को उनके कार्यों पर आंका जाएगा, उनके शब्दों पर नहीं. तालिबानियों ने दरअसल कहा था कि वे अफगानिस्तान की सत्ता हासिल करने के बाद सरकार और अमेरिका की मदद करने वाले लोगों से बदला नहीं लेंगे.