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Friday, March 29, 2024
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Twitter ने केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकाउंट 1 घंटे के लिए ब्लॉक किया, दिया अमेरिकी कानून का हवाला

सोशल मीडिया कंपनी ट्विटर ने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का अकांउट एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया। हालांकि मंत्री द्वारा आपत्ति जताने और चेतावनी देने के बाद उनका अकाउंट फिर से बहाल कर दिया गया है। केन्द्रीय मंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उनके मुताबिक ट्विटर ने अमेरिकी कानून का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक किया था।

केन्द्रीय मंत्री ने इस गंभीरता से लेते हुए इस पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे आईटी नियमों का उल्लंघन बताया है। मंत्री के मुताबिक बिना किसी सूचना के किसी का अकाउंट ब्लॉक बिल्कुल गलत है।

टीवी एंकर ने लाइव बुलेटिन के दौरान चैनल पर सैलरी न देने का लगाया आरोप, वीडियो वायरल

जाम्बिया के एक टीवी एंकर का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है, दरअसल इस टीवी एंकर ने सैलरी न मिलने का दर्द लाइव बुलेटिन के दौरान बयां करके तहलका मचा दिया है. केबीएन टीवी में काम कर रहे इस एंकर का नाम कबिंदा कलीमिना है जिसने शनिवार शाम लाइव यह दावा किया कि उन्हें और उनके बाकी के स्टाफ को सैलरी नहीं दी गई है.

फेसबुक पर शेयर किया वीडियो

टीवी एंकर कबिंदा कलीमिना द्वारा फेसबुक में शेयर्ड वीडियो में देखा जा सकता है कि कलीमिना ने सामान्य रूप से शो की शुरुआत की. हेडलाइंस को पढ़ने के बाद, फिर अचानक सैलरी की बात करने लगे. उन्होंने कहा, ‘खबरों से हटकर लेडीज एंड जेंटलमैन, हम भी इंसान हैं और हमें भी सैलरी मिलनी चाहिए. दुर्भाग्यवश KBN ने हमें अभी तक भुगतान नहीं किया है’.

अपने सहयोगियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे और शेरोन सहित किसी को भी सैलरी नहीं मिली है. हमें भी सैलरी मिलनी चाहिए.’ कबिंदा के इतना कहते ही लाइव फीड काट दिया गया.

केबीएन टीवी ने एंकर पर लगाया शराब पीने का आरोप

इस घटना के वीडियो को फेसबुक पर हजारों बार देखा जा चुका है, जहां कई लोगों ने केबीएन टीवी कर्मचारियों के समर्थन में बात की और मांग की है कि उन्हें उनके वेतन का भुगतान किया जाए. हालांकि केबीएन टीवी ने समाचार एंकर पर शराब पीकर बुलेटिन करने का आरोप लगाया है और उसके व्यवहार को गलत बताया है.

एंकर ने दिया करार जवाब

CEO के आरोपों का कबिंदा ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने पूछा कि यदि वह शराब के नशे में होते तो क्या बाकी शो होस्ट कर पाते. एंकर ने कहा, ‘मैंने उस दिन तीन शो होस्ट किए, तब किसी को नहीं लगा कि मैं नशे में हूं. ऐसे ही मैंने सैलरी की बात की, मुझे नशे में बता दिया गया’. उन्होंने कहा कि मुझे लाइव ऐसा करना पड़ा, क्योंकि अधिकांश पत्रकार इस बारे में बोलने से डरते हैं.

हिंदुत्ववादी बॉलीवुड अभिनेत्री पायल रोहतगी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, जानिए क्या है मामला

नई दिल्ली: अक्सर विवादों में रहने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री पायल रोहतगी (Payal Rohatgi) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताना चाहते हैं कि अहमदाबाद में सोसाइटी की मीटिंग में आकर उन्होंने झगड़ा किया और चेयरमेन को जान से मारने की धमकी दी। साथ ही सोशल मीडिया पर उन्होंने गालियां भी चेयरमेन को दी। हालांकि बाद में उन्होंने पोस्ट को डिलीट कर दिया। 

बता दें कि न्यूज चैनल आज तक के अनुसार पायल को अहमदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पायल पर सोसाइटी के लोगों के साथ कई बार झगड़ा करने और चेयरमेन को जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। 

गौर हो कि गुजरात के अहमदाबाद सेटेलाइट पुलिस ने पायल रोहतगी पर एक्शन लेते हुए उन्हें गिरफ्तार किया है। वे 20 जून को सोसाइटी की मीटिंग में सदस्य न होने के बावजूद भी शामिल हुई और उन्होंने यह हंगामा करते हुए झगड़ा किया। इससे पहले भी पायल गिरफ्तार हो चुकी हैं। तब उन्हें राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

महायुद्ध की तरफ बढ़ रही दुनिया ? रूस ने ब्रिटिश युद्धपोत को उड़ाने की दी धमकी

मॉस्को, जून 25: रूस और ब्रिटेन के बीच ब्लैक सागर में तनाव चरम पर पहुंच गया है और अब रूस ने कहा है कि अगर ब्लैक सागर में ब्रिटेन ने अपना जहाज भेजने की हिम्मत की तो फिर रूस अब चेतावनी नहीं देगा, बल्कि ब्रिटिश जहाज को बम से उड़ा देगा। रूस ने मास्को में ब्रिटिश राजदूत को औपचारिक तौर तलब किया था और कहा था कि ब्लैक सागर पर रूस का अधिकार है, जबकि यूरोपीयन देशों का कहना है कि ब्लैक सागर पर यूक्रेन का अधिकार है। और ब्लैक सागर को लेकर रूस के साथ ब्रिटेन और अमेरिका के बीच भारी तनाव है।

ब्रिटेन-रूस में भारी तनाव

वहीं, ब्रिटेन ने कहा है कि रूस पूरी घटना को गलत तरीके से बयाम कर रहा है और ब्रिटिश जहाज पर चेतावनी के तौर पर कोई बमबारी नहीं की थी और रूस गलत जानकारी दे रहा है। ब्रिटेन ने अपने बयान में कहा है कि रूस ने ब्रिटिश रॉयल नेवी पर कोई वॉर्निंग फायर नहीं की गई और ना ही कोई बम गिराया गया। दरअसल, मॉस्को की तरफ से कहा गया है कि ब्लैक सागर में अवैध घुसपैठ करने पर ब्रिटिश रॉयल नेवी पर फायरिंग की गई और बम दागे गये।

वहीं, मॉस्को में रूसी सरकार ने ब्रिटिश राजदूत डेबोरा ब्रोनर्ट को तलब करते हुए ब्लैक सागर में ब्रिटिश जहाज के दाखिल होने को खतरनाक कार्रवाई कहा है और राजदूत को फटकार लगाई है। वहीं, रूसी विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन पर सफेद झूठ बोलने का भी आरोप लगाया है।

ब्रिटिश जहाज उड़ाने की धमकी

रूसी विदेश मंत्रालय ने मॉस्को में मीडिया को बयान जारी करते हुए कहा है कि रूस अंतर्राष्ट्रीय जल संधियों का सम्मान करता है और समुद्री कानूनों को पूरी तरह से मानता है और अगर ब्रिटिश जहाज अब ब्लैक सागर में घुसने की गुस्ताखी करता है तो रूस उसे उड़ा देगा। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सर्गेई रयाबकोव ने कहा कि ‘ब्लैक सागर में ब्रिटिश जहाज ने घुसने की हिम्मत की थी, लेकिन रूस की विध्वंसक जहाजों ने ब्रिटिश जहाज के रास्ते में फायरिंग की है और बम फोड़े हैं, ये एक चेतावनी है और अब अगर ऐसा होता है कि रूसी विध्वंसक अपने टार्गेट को निशाने पर लेगा।

‘ आपको बता दें कि सारा झगड़ा ब्लैक सागर को लेकर है, जिसे रूस अपना बताता है तो यूक्रेन अपना बताता है। रूस ने फिलहाल ब्लैक सागर को अपने अधिकार में रखा हुआ है और भूमध्य सागर में इसके सहारे शक्ति का प्रदर्शन करता है। ब्लैक सागर सैकड़ों सालों से रूस और ब्रिटेन के साथ तुर्की और अमेरिका के बीच संघर्ष का मुख्य बिंदु रहा है।

काफी आक्रामक है रूस

रूस ने 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया पेनिसुला प्रायद्वीप को जब्त कर लिया है और उसकी सीमा में पड़ने वाले समुद्री क्षेत्र पर अपना दावा करता है। लेकिन, पश्चिमी देश रूस के दावे को अवैध करार देता है और क्रीमिया पेनिसुला को यूक्रेन का हिस्सा मानते हुए समुद्री इलाके पर रूस के दावे को खारिज करता है। वहीं, ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि ब्रिटिश युद्धपोत, जो ओडेसा के यूक्रेनी बंदरगाह से जॉर्जियाई बंदरगाह बटुमी की यात्रा कर रहा था, वो कानून के अनुसार काम कर रहा था और अंतरराष्ट्रीय जल में था। ब्रिटेन ने अपने बयान में कहा है कि ‘ये यूक्रेनी जल हैं और ए से बी तक जाने के लिए इनका उपयोग करना पूरी तरह से सही था,’ वहीं, ब्रिटिश रक्षा मंत्री बेन वालेस ने रूसी पायलटों पर युद्धपोत से 500 फीट (152 मीटर) ऊपर असुरक्षित विमान युद्धाभ्यास करने का आरोप लगाया है।

इजरायल एंबेसी के बाहर विस्फोट मामले में लद्दाख कारगिल के 4 छात्र गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गुरुवार को लद्दाख के चार छात्रों को 29 जनवरी को यहां इजरायल दूतावास के पास हुए विस्फोट की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया. सूत्रों के अनुसार, इनलोगों को लद्दाख के कारगिल इलाके से ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली लाया गया था और कई दौर की पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि, सूत्र ने गिरफ्तार किए गए छात्रों के विवरण साझा करने से इनकार कर दिया.

29 जनवरी को डॉ एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर इजराइल दूतावास के पास एक कम तीव्रता वाला बम विस्फोट हुआ था, जो विजय चौक से 2 किमी से भी कम दूरी पर था, जहां बीटिंग र्रिटीट समारोह चल रहा था, जिससे सुरक्षा प्रतिष्ठानों में हड़कंप मच गया.

बीटिंग र्रिटीट समारोह में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए. स्पेशल सेल ने विस्फोट के बाद मामला दर्ज किया था. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस साल 2 फरवरी को इस मामले को अपने हाथ में लिया था.

एनआईए ने 15 जून को बम विस्फोट में शामिल दो संदिग्धों के बारे में किसी भी जानकारी के लिए 10-10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की थी. एजेंसी ने दूतावास के बाहर कैद सीसीटीवी वीडियो फुटेज में देखे गए कथित संदिग्धों की तस्वीरें और वीडियो भी जारी किए थे. इस विस्फोट से तीन खड़ी कारों के शीशे चकनाचूर हो गए थे

TMC में शामिल करने के लिए 150 भाजपाइयों पर छिड़का गया सैनिटाइजर

सूरी (पश्चिम बंगाल),24 जून: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में बृहस्पतिवार को भाजपा के करीब 150 कार्यकर्ताओं पर तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं द्वारा सेनेटाइजर का छिड़काव किये जाने के बाद उन्हें तृणमूल में शामिल किया गया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रखंड स्तर के सदस्य दुलाल राय ने बताया कि इलामबाजार में एक मंच बनाया गया था जहां भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं पर सेनेटाइजर का छिड़काव किया गया , फिर उसके बाद स्थानीय नेताओं ने उन्हें तृणमूल का झंडा थमाया

राय ने कहा, ‘‘ भाजपा के लिए जो कार्य कर रहे थे वे वायरस से संक्रमित हो गये थे… उन्हें वापस लेने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना पड़ा कि वे संक्रमणरहित हो जाएं क्योंकि हमारा लक्ष्य वायरस से मुक्ति पाना है. ’’ भाजपा के जिला अध्यक्ष ध्रुव साहा ने दावा किया कि उनके पार्टी कार्यकर्ताओं को ‘तृणमूल कांग्रेस ’ में शामिल करने के लिए उनके साथ जोर जबर्दस्ती की गयी. उन्होंने कहा, ‘‘ कोई भी अपनी मर्जी से भाजपा से तृणमूल में नहीं गया है.’’

साहा ने कहा कि चुनाव बाद हिंसा के आरोपों से बचने के प्रयास के तहत तृणमूल नेता ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ताओं को तृणमूल में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

दो दिन पहले हुगली जिले में तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से पहले 200 भाजपा कार्यकर्ताओं को विधानसभाचुनाव से पहले भगवा दल में चले जाने के पाप से मुक्ति के लिए सिर मुड़वाना पड़ा था.

पीएम मोदी के साथ बैठक के बाद बोली पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती 370

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया और चुनावी मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाटी के नेताओं संग आज करीब तीन घंटे से अधिक समय तक बैठक की। पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और जल्द से जल्द विधानसभा का चुनाव संपन्न कराने की मांग उठी। इस बीच बैठक के बाद एक बार फिर से महबूबा मुफ्ती ने पाकिस्तान का ज़िक्र किया है। पीडीपी प्रमुख महबूब मुफ्ती ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की बहाली करेंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की शांति के लिए भारत को पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए

पीएम मोदी की बैठक से निकलने के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 के बाद बहुत मुश्किलों में हैं। वे गुस्से में हैं, परेशान हैं और भावनात्मक रूप से टूट चुके हैं। वे अपमानित महसूस करते हैं। मैंने पीएम से कहा कि जिस तरह से आर्टिकल 370 को असंवैधानिक, अवैध और अनैतिक रूप से निरस्त किया गया, उसे जम्मू-कश्मीर के लोग स्वीकार नहीं करते। 

उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग संवैधानिक, लोकतांत्रिक, शांतिपूर्ण तरीके से संघर्ष करेंगे। महीने हो या साल, हम जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को बहाल करेंगे क्योंकि यह हमारी पहचान का मामला है। यह हमें पाकिस्तान से नहीं मिला, बल्कि हमारे देश ने हमें दिया, जेएल नेहरू और सरदार पटेल ने दिया। 

महबूबा ने आगे कहा कि मैंने उन्हें बधाई दी कि उन्होंने पाकिस्तान से बात की और इससे युद्धविराम हुआ और घुसपैठ कम हुई। जम्मू-कश्मीर की शांति के लिए अगर उन्हें पाकिस्तान से दोबारा बात करनी है, तो उन्हें करनी चाहिए। उन्हें पाकिस्तान के साथ व्यापार को लेकर भी बातचीत करनी चाहिए, क्यंकि दोनों देशों के बीच व्यापार रुक गया है, यह कई लोगों के लिए रोजगार का स्रोत है। 

बता दें कि इससे पहले, पिछले लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए बृहस्पतिवार को वहां के 14 नेताओं के साथ एक अहम बैठक की। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की।

राजधानी के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर लगभग साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के चार पूर्व मुख्यमंत्री और चार पूर्व उपमुख्यमंत्री शामिल हुए। इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस के संरक्षक फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर प्रमुख हैं। इनके अलावा बैठक में पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री मुजफ्फर हुसैन बेग, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के मोहम्मद यूसुफ तारिगामी, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन मौजूद थे। भाजपा की ओर से बैठक में शामिल होने के लिए जम्मू एवं कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रवींद्र रैना, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता और निर्मल सिंह भी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जम्मू एवं कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा, गृह सचिव अजय भल्ला और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मौजूद थे। यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही परिसीमन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जम्मू-कश्मीर के सभी उपायुक्तों के साथ मौजूदा विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्गठन और सात नयी सीटें बनाने पर विचार-विमर्श किया था। अधिकारियों ने बताया कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में इस दिसम्बर से अगले साल मार्च के बीच चुनाव कराने को तत्पर है। कोशिश है कि इससे पहले परिसीमन के काम को पूरा कर लिया जाए। परिसीमन की कवायद के बाद जम्मू एवं कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो जाएगी।

ज्ञात हो कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त कर राज्य को जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के रूप में दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। इसके बाद फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया था। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक संसद में पारित किए जाने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने आश्वासन दिया था कि केंद्र उपयुक्त समय पर जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करेगा।

सात महीने पहले ही इस केंद्रशासित प्रदेश में जिला विकास परिषद के चुनाव संपन्न हुए थे। इस चुनाव में गुपकर गठबंधन को 280 में से 110 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। गठबंधन के दलों में नेशनल कांफ्रेस को सबसे अधिक 67 सीटों पर विजय हासिल हुई थी जबकि 75 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी।

जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के मामले में पीएम मोदी ने किया पहला ट्वीट

प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में जम्मू-कश्मीर को लेकर अहम बैठक खत्म हो गई। इसमें जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेता शामिल हुए। दिल्ली में प्रधानमंत्री आवास पर ये बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली। बैठक के बाद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेताओं के साथ आज की बैठक एक विकसित और प्रगतिशील जम्मू-कश्मीर की दिशा में चल रहे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम है।

पीएम मोदी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करना है। परिसीमन तेज गति से होना चाहिए ताकि चुनाव हो सकें और जम्मू-कश्मीर को एक चुनी हुई सरकार मिले जो जम्मू-कश्मीर के विकास पथ को ताकत दे।

पीएम ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि हमारे लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत एक मेज पर बैठने और विचारों का आदान-प्रदान करने की क्षमता है। मैंने जम्मू-कश्मीर के नेताओं से कहा कि लोगों को, खासकर युवाओं को जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक नेतृत्व देना है और यह सुनिश्चित करना है कि उनकी आकांक्षाएं पूरी हों। 

गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक के बाद ट्विट करते हुए जम्मू कश्मीर के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता जताई। बैठक में जम्मू और कश्मीर के भविष्य पर चर्चा की गई। गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में परिसीमन  और शांतिपूर्ण चुनाव, राज्य का दर्जा बहाल करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श किया गया।

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बेहद सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। सभी ने लोकतंत्र और संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की. जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया। 

जब शाहरुख़ और सलमान ने ख़ुद बताई आपस में झगड़े की वजह

मुंबई : सलमान ख़ान और शाह रुख़ ख़ान की दोस्ती और दुश्मनी, दोनों ही फ़िल्म इंडस्ट्री में काफ़ी चर्चित रही हैं। हालांकि, कुछ सालों बाद दोनों के रिश्ते सामान्य हो गये थे। 

सलमान और शाह रुख़ के बीच बॉन्डिंग 2016 में स्टार स्क्रीन अवॉर्ड्स के मंच पर भी नज़र आयी थी, जब दोनों ने बड़े ही मज़ाकिया अंदाज़ में इस लड़ाई की असली वजह बतायी थी।

वीडियो में शाह रुख़ कहते हैं- किसी को यह नहीं मालूम है कि सलमान और मेरा झगड़ा क्यों हुआ? हमारा झगड़ा एक बहुत छोटी सी बात पर हुआ कि हम दोनों में से ज़्यादा ख़ुश कौन है।

इसी बात पर हमारा झगड़ा हो गया और असली वजह हम सबसे सामने बताना चाहते हैं।

सलमान शाह रुख़ को बीच में रोककर कहते हैं कि यह मुझे कंविंस करना चाह रहे थे कि तू शादी कर ले। शाह रुख़ आगे कहते हैं- मैं जब घर जाता हूं तो मुझे ख़ुशी होती है।

सलमान ने कहा कि मेरी बीवी नहीं है तो मुझे और ज़्यादा ख़ुशी होती है। मैं घर जाता हूं तो मेरी लाड़ली मेरी गोद में बैठती है तो इसने कहा कि मैं घर जाता हूं तो बहुत सी लाड़लियां मेरी गोद में बैठती हैं, मुझे और भी ज़्यादा ख़ुशी होती है।

शाह रुख़ और सलमान आगे कहते हैं कि हमारी कोई फाइट नहीं हुई थी। हमारी लड़ाई कुछ अंदाज़ अपना अपना टाइप से हुई थी।

कोई बड़ा झगड़ा नहीं हुआ था। हमारे बीच में दोस्ती नहीं, भाईगीरी है।

बता दें, शाह रुख़ और सलमान के बीच 2008 में कटरीना कैफ़ की बर्थडे पार्टी में किसी बात पर झगड़ा हुआ था। इसके बाद दोनों ने कई साल तक एक-दूसरे से बात नहीं की थी।

कुछ साल बाद एमएलए बाबा सिद्दीक की इफ़्तार पार्टी में सलमान और शाह रुख़ ने गले मिलकर झगड़ा ख़त्म किया। इसके बाद दोनों सुपरस्टार्स एक-दूसरे के साथ नज़र आते रहे हैं।

शाह रुख़ ने सलमान की फ़िल्म ट्यूबलाइट में कैमियो किया था, वहीं सलमान ने शाह रुख़ की पिछली फ़िल्म ज़ीरो में कैमियो भी किया था। अब दोनों सलमान की फ़िल्म टाइगर 3 में भी शाह रुख़ के कैमियो करने की ख़बरें हैं।

पकिस्तान के कराची में लैंड हुआ दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज, देखने के लिए सड़कों पर उतरे लोग

पाकिस्तान के कराची में दुनिया का सबसे लंबा और भारी विमान एंटोनोव एएन-225 मारिया (Antonov An-225 Mriya) लैंड हुआ है. जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. वीडियो को देख लोग हैरानी भी जता रहे हैं. एएन-225 बुधवार को कराची एयरपोर्ट पर उतरा था. रूस में बने इस विशाल विमान में छह टर्बो ईंजन लगे हुए हैं और इसे दुनिया में अब तक बने विमानों में सबसे लंबा और भारी भी कहा जाता है.

एंटोनोव एएन-225 मारिया ने अफगानिस्तान से उड़ान भरी थी और दोपहर के समय जिन्नाह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Jinnah International Airport) पर उतरा. करीब 6,40,000 टन वजन वाले इस विमान के पंख काफी बड़े हैं. इतने बड़े पंख किसी भी अन्य संचालित विमान के नहीं हैं. एयरपोर्ट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि एंटोनोव एएन-225 मारिया को गुरुवार सुबह कराची से उड़ान भरनी थी. इस समय अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी हो रही है, इसी तैयारी के तहत विमान को काम पर लगाया गया है.

यूक्रेन के कीव से भरी थी उड़ान

एयरपोर्ट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि विमान में सैन्य सामान था, जिसे युद्धग्रस्त देश अफगानिस्तान से वापस ले जाया जा रहा है. यहां से अमेरिका और अन्य सहयोगी देशों के सैनिकों की वापसी हो रही है. जिसके चलते सैन्य सामान ले जाया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण बीते साल इसकी उड़ान को रोक दिया गया था (World’s Longest and Heaviest Plane in Pakistan). फिर बाद में इसने यूक्रेन की राजधानी कीव के गोस्‍तोमेल एंटोनोव एयरपोर्ट से उड़ान भरी. जिसके बाद यह अफगानिस्तान पहुंचा.

घरों के ऊपर उड़ता दिखा विमान

वहीं सोशल मीडिया पर वायरल वीडिया को देख लोग तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वीडियो में विमान को कराची के घरों के ठीक ऊपर से उड़ान भरते हुए देखा जा सकता है (World’s Longest Plane). इस विशाल विमान का इस्तेमाल ज्यादातर सैन्य सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता है. इसके पंखों का आकारा 88.4 मीटर तक है, जबकि ऊंचाई करीब 18.2 मीटर बताई जाती है. विमान में इतना सामान फिट हो सकता है कि उसे उतारने में कई घंटों तक का समय लग जाता है.