नई दिल्ली: देश भर में मुस्लिम समुदाय के पवित्र स्थलों को मंदिर या हिन्दू धर्म से जुड़ा घोषित करने का ट्रेंड सा चल पड़ा है और भाजपा नेता आए दिन विवादित बयान देते है और मुस्लिम समुदाय की भावनाओ को ठेस पहुंचाने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे. ताजा मामला ज्ञानवापी मस्जिद, टीपू सुल्तान मस्जिद के बाद अब दिल्ली की जामा मस्जिद से जुड़ा है.
देश में इन दिनों सुर्खी बने ज्ञानवापी प्रकरण के बीच भाजपा नेता और सांसद साक्षी महाराज भी बौखला गया है और विवादित बयान दिया है, साक्षी महाराज ने विश्वप्रसिद्ध ऐतिहासिक जामा मस्जिद पर सवाल उठाया है। उसने कहा कि दिल्ली में यमुना किनारे जो जामा मस्जिद है, वहां पहले विष्णु का मंदिर था।
खुदाई करने पर वहां से भी देवी देवताओं की मूर्तियां दबी मिलेंगी। खुली चुनौती देते हुए कहा कि यह दावा झूठ निकले तो कड़ी से कड़ी सजा भुगतने को तैयार हैं।
मंगलवार को तीर्थनगरी ऋषिकेश में रेलवे रोड स्थित भगवान भवन आश्रम पहुंचे यूपी के उन्नाव लोकसभा सीट से सांसद साक्षी महाराज ने पत्रकारवार्ता में कहा कि ज्ञानवापी मंदिर की असलियत सामने आ चुकी है। उसके अनुसार, विशेष धर्म संप्रदाय के आक्रांताओं ने मंदिर का स्वरूप बदल कर मस्जिद बना दिया था।
सर्वे रिपोर्ट में दूध का दूध पानी का पानी हो चुका है। अब ज्ञानवापी को मस्जिद कहना अपराध है। बकौल साक्षी महाराज देश में कई मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है। कहा कि दिल्ली की लाल किले वाली जामा मस्जिद पहले विष्णु भगवान का मंदिर था। कहा कि वर्ष 1991 में जब वे मथुरा के सांसद थे तब इस मुद्दे पर उन्होंने दिल्ली में यमुना किनारे विष्णु भगवान के मंदिर को तोड़कर जामा मस्जिद बनाए जाने संबंधी बयान दिया था, जिस पर वे आज भी अडिग हैं।
एक सवाल के जवाब में सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि देश के सभी धर्म संप्रदाय के लोग संविधान और न्यायपालिका पर विश्वास करें। ज्ञानवापी प्रकरण में कार्रवाई संवैधानिक प्रक्रिया से होगी।