जनसंख्या नियंत्रण पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद राकेश सिन्हा की ओर से बढ़ाए गए बिल पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने इन्कार कर दिया। उनके दखल देने के बाद शुक्रवार (एक अप्रैल, 2022) को सिन्हा को अपने विधेयक को वापस लेना पड़ा।
दरअसल, सिन्हा ने जुलाई 2019 में प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था। इस विधेयक में दो-बच्चों वाले नियम (Two-Child Rule) लागू करने की मांग की गई थी, जबकि इसके उल्लंघन पर दंडात्मक प्रावधानों के लिए भी कहा गया था।
निजी विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए मंडाविया बोले, ‘‘देश में आज बेहतर इलाज सेवाएं दी जा रही हैं। देश बदल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक नया इंडिया बन रहा है।’’ उन्होंने बिल पर चर्चा के जवाब में बताया कि सही है कि बढ़ती जनसंख्या कई समस्याओं का कारण होती है। पर उन्हें पूरा विश्वास है कि शिक्षा और जागरुकता के प्रसार से जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा।
मंडाविया के मुताबिक, देश में प्रजनन दर दो प्रतिशत तक पहुंच गई है। साल 2025 तक इसे और कम करने की ओर देश आगे बढ़ रहा है। देश में जनसंख्या वृद्धि की दर में भी लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। 1971 में जनसंख्या वृद्धि दर 2.20 प्रतिशत थी, जो 2011 में यह घटकर 1.64 प्रतिशत हो गई है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘यह एक अच्छी सफलता है। जनसंख्या जिस गति से बढ़ रही है, उससे स्पष्ट है कि उसमें काफी गिरावट आई है।’’ स्वास्थ्य मंत्री बोले- देश में जनसंख्या नीति 1952 से है और अब तक जनसंख्या नियंत्रण के लिए जो प्रयास किए गए उसके सकारात्मक परिणाम भी मिले हैं। बेहतर जीवन स्तर के लिए जनसंख्या नियंत्रण जरूरी है।
मंत्री ने कहा ‘‘ऐसे प्रयास करना चाहिए जिससे जनता स्वयं परिवार नियोजन को अपनाए। इसके लिए कानून जरूरी नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पहले जब बच्चे अधिक होते थे तब बाल मृत्यु दर भी अधिक थी। लेकिन समय के साथ इसमें बदलाव हुआ। इसके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं तक लोगों की पहुंच जरूरी थी और यह किया गया।
मंडाविया ने कहा कि देश के बेहतर विकास के लिए परिवार छोटा होना चाहिए। जनसंख्या स्थिर होनी चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही इस बात पर भी भरोसा जताया कि जागरुकता के प्रसार से जनसंख्या नियंत्रण के लक्ष्य को हासिल किया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्री बोले कि सरकार ने “बल (जबरन)” के इस्तेमाल के बजाय जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूकता और स्वास्थ्य अभियानों का सफलत उपयोग किया है।