विधि संवाददाता, धनबाद: बॉलीवुड की मशहूर फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के विरुद्ध धनबाद की अदालत में देशद्रोह व भारत को नीचा दिखाने का का मुकदमा नहीं चलेगा। बुधवार को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी सिद्धांत तिग्गा की अदालत ने कंगना के विरुद्ध दायर किए गए मुकदमे को खारिज कर दिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि कंगना के विरुद्ध अभियोजन चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं।
गौरतलब है कि बीते वर्ष 17 नवंबर को पांडरपाला में रहनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता इजहार अहमद उर्फ बिहारी ने कंगना के विरुद्ध देशद्रोह व भारत को नीचा दिखाने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया था। विचारण के दौरान अदालत ने इस मामले को खारिज कर दिया।
कोर्ट में कहा था- भारत विरोधी बयान से लगा था गहरा आघात: मामले में धनबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में शिकायतवाद दायर कर इजहार अहमद ने कोर्ट को बताया था 12 नवंबर 2021 को वह दोपहर करीब 12:00 बजे रणधीर वर्मा चौक के समीप खड़ा होकर अखबार पढ़ रहा था। इसमें उसने कंगना रनौत द्वारा दिए गए भारत विरोधी बयान को पढ़ा। इससे उसे काफी आघात लगा। इजहार ने आरोप लगाया कि कंगना ने अपने बयान में कहा था कि 1947 में भारत देश को जो आजादी मिली थी, वह आजादी भीख से मिली थी। असली आजादी साल 2014 में मिली थी, जब देश में मोदी जी की सरकार बनी। इजहार का कहना था कि ऐसा विवादित बयान देकर कंगना ने पूरे भारत देश को बदनाम किया है।
उन्होंने दूसरे देशों में भारत का मजाक बनाया है एवं अपने देश को नीचा दिखाया है। दलील दी कि भारत की आजादी में कितने माताओं ने अपने पुत्रों को खोया है। कितनों ने बलिदान दिए हैं। सुखदेव, राजगुरु, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस, मौलाना अब्दुल कलाम, रानी लक्ष्मीबाई ने भारत की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी।
इजहार ने आरोप लगाया था कि भाजपा नेता वरुण गांधी ने भी कंगना के इस बयान की आलोचना की है , बावजूद इसके कंगना ने देशद्रोह का काम किया और भारत को बदनाम करने का दुस्साहस किया है। इजहार का कहना था कि टीवी चैनलों में भी प्रसारित हो रहे कंगना के बयान को देख कर उसे काफी आघात पहुंचा, जिसके बाद उसने 13 नवंबर 2021 को धनबाद थाने में कंगना के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने की प्रार्थना की थी, लेकिन धनबाद थाना की पुलिस ने इस संबंध में उसकी शिकायत नहीं सुनी। वहीं अब कोर्ट ने शिकायत को खारिज कर दिया है।