बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। साथ ही उन्होने कहा कि उनकी पार्टी पंचायत अध्यक्ष चुनाव में नहीं उतरेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन की शक्ति विधानसभा चुनाव में ही लगाएगी। इधर एक इंटरव्यू में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा है कि मायावती के लिए दलित महज एक वोटर हैं।
मायावती के ऐलान के साथ ही एआईएमआईएम के साथ चल रहे गठबंधन की अटकलों पर विराम लग गया है। मायावती ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बसपा ने इस समय प्रदेश में हो रहे ज़िला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को न लड़ने का निर्णय लिया है। पार्टी के लोगों को निर्देश है कि वे इस चुनाव में अपना समय और ताकत लगाने की बजाय पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में लगाएं।
उन्होंने कहा कि इस बार उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बन सकेगी। जब यहां बसपा की सरकार बन जाएगी तो ज़िला पंचायत अध्यक्ष खुद ही बसपा में शामिल हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि यूपी में लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने नया नारा दिया, ‘बचाना है-बचाना है।’ बताते चलें कि बसपा प्रमुख ने रविवार को ही ट्वीट के जरिये अपनी प्राथमिकता बता दी थी। जिसके बाद लगभग यह तय माना जा रहा था कि मायावती जल्द ही इसका ऐलान कर सकती है।
चंद्रशेखर ने बोला हमला: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने एक इटरव्यू के दौरान मायावती पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मायावती ने बहुजनों का नेतृत्व ब्राह्मणों को सौंप दिया है। दलित उनके लिए महज एक वोटर की तरह हैं। उन्होंने कहा कि मेरा सवाल है कि बहनजी जिनसे वोट मांगती है, जिन्हें अपना मानती हैं, उन पर जब अत्याचार होता है तो वो चुप क्यों रह जाती है?
चंद्रशेखर ने कहा कि मायावती आंदोलन क्यों नहीं करती है? उन्होंने रितेश पांडेय को लोकसभा और सतीश मिश्रा को राज्यसभा में नेता बना कर रखा है।साथ ही उन्होंने कहा कि मेरी उनसे व्यक्तिगत नहीं, वैचारिक लड़ाई है। हमारा पहला लक्ष्य भाजपा को हटाना है।