लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Chunav) में विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर से देवबंद (deoband) का नाम बदलकर देववृंद (dev Vrind) करने का मुद्दा गरमा गया है. देवबंद से बीजेपी विधायक बृजेश सिंह ने नाम बदलने का मुद्दा उछाल दिया है और कहा कि वह देवबंद को देववृंद बनाने के वादे पर कायम हैं और दोबारा सरकार बनने पर देवबंद का नाम देववृंद हो जाएगा.
देवबंद से बीजेपी विधायक और उम्मीदवार कुवंर बृजेश सिंह ने कहा कि शास्त्रों में लिखा है देववृंद और मैं इसके सारे साक्ष्य योगी जी को सौंप चुका हूं. मैंने पहले प्रस्ताव दिया था कि देवबंद का नाम देववृंद रखा जाए. एक दिन वो आएगा कि योगी जी देवबंद को देववृंद करेंगे. मैं अपने इस वादे पर कायम हूं. मुझे कोई मुश्किल नहीं होगी. मैं इस चुनाव को कोई कम्युनल नहीं करना चाहता. शास्त्रों में देववृंद लिखा है. दोबारा सरकार बनने दीजिये फिर इस मुद्दे पर प्रगति होगी.
उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह पिछले चुनाव में कोई उम्मीदवार नहीं था इस बार भी योगी जी चेहरे के सामने कोई नहीं है. एक तरफा विजय होगी. क्या भारत मे किसी को अधिकार है कि भारत माता की जय का नारा ना लगाएं। उनके चाचा रशीद मसूद ने सदन के अंदर कहा कि भारत माता की जय नहीं बोलूंगा. भारत माता को डायन कहा था. इमरान मसूद जिन्ना और पटेल को एक साथ रखते हैं.
वहीं, देवबंद का नाम बदलने के मुद्दे पर बोले सपा उम्मीदवार कार्तिकेय राणा ने कहा कि बीजेपी चुनावों में ध्रुवीकरण करना चाहती है. देवबंद का नाम बदलने से क्या इंफ्रास्ट्रक्चर और नौकरियां मिलेंगी? यहां 2017 में बीजेपी ने कोई चमत्कार नहीं किया, पूरे प्रदेश में इन्होंने ध्रुवीकरण किया था. पिछले चुनाव में गंगा जमुनी तहजीब कहीं खो गई थी. लेकिन इस बार पूरा भरोसा है क्योंकि यहां पर हमेशा सेक्युलर वोट रहा है. मुझे यहां से टिकट मिला है उसकी वजह है पार्टी ने सर्वे करवाया. यहां हिंदू मुस्लिम का कोई विषय नहीं है.
सपा उम्मीदवार कार्तिकेय राणा ने कहा कि 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने कोई काम नहीं किया. आप शहरों के नाम बदलेंगे. हिंदू-मुस्लिम, पाकिस्तान की बात करेंगे. देववृंद रखने से क्या इंफ्रास्ट्रक्चर ला देंगे. जॉब आएंगी? 5 साल से तो नाम नहीं बदल पाया. नाम कई जगह बदले गए वहां कोई बदलाव नहीं हुआ. हमारा परिवार जनता की सेवा में रह है. पार्टी ने हमारी मेहनत को देखकर टिकट दिया है.